परिवार नियोजन योजना के तहत स्वास्थ्य विभाग की ओर से आशा और एएनएम झुग्गी-झोपड़ी आदि क्षेत्रों में जाकर पुरुषों और महिलाओं को जनसंख्या पर नियंत्रण के लिए नसबंदी के लिए प्रेरित करती हैं। इसके बाद ऐसा करवाने वाले पुरुषों को 3000 रुपये और महिलाओं को 2000 रुपये प्रोत्साहन राशि के तौर पर दिए जाते हैं। वहीं नसबंदी फेल होने पर दंपति को योजना के तहत 30 हजार रुपये का मुआवजा दिया जाता है। मुख्य चिकित्साधिकारी डा॰ प्रताप सिंह ने बताया कि सरकार ने अब इस राशि को बढ़ाकर 60 हजार रुपये कर दिया है। इसमें केंद्रांश के रूप में 60 प्रतिशत और राज्यांश के रूप में 40 प्रतिशत की दर से भुगतान किया जाएगा। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य इकाइयों में दीवार पेंटिंग करवाकर योजना के बारे में लाभार्थियों को जागरूक किया जा रहा है।
एसीएमओ/नोडल अधिकारी डॉ॰ अजय भाले ने बताया कि नसबंदी के बाद अस्पताल या घर में सात दिन के अंदर लाभार्थी की मृत्यु होने पर आश्रित को दो लाख रुपये दिए जाते थे। इसे बढ़ाकर चार लाख कर दिया गया है। 8 से 30 दिन के भीतर मृत्यु होने पर 50 हजार के स्थान पर एक लाख क्षतिपूर्ति राशि दी जाएगी।