जिसके चलते बिरधा चौकी इंचार्ज एवं उसमें तैनात एक कांस्टेबल राघवेंद्र सिंह राजावत ने सूचना के बाद दोनों ही आरोपियों को चौकी में बैठा लिया। जहां पर सुशील चौबे को रात में ही छोड़ दिया गया और जितेंद्र चतुर्वेदी को रात भर चौकी में में ही बैठाये रखा। सुबह जब पुलिस ने युवक को हथकड़ी पहनाई तब उसे वहीं पर हार्ट अटैक आया और उसकी तबीयत बिगड़ गई जिसे आनन-फानन में परिजनों द्वारा जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है।
पीड़ित के परिजनों ने बिरधा चौकी में तैनात हैड कांस्टेबल राघवेंद्र सिंह राजावत पर आरोप लगाया कि उन्होंने एक पक्ष सुशील चौबीसी पैसा लेकर उसे छोड़ दिया एवं जितेंद्र से 10 हजार रुपये लेकर भी नहीं छोड़ा और जब सुबह उसे पुलिस द्वारा हथकड़ी लगाई गई तो बेज्जती के डर से उसे हार्ट अटैक आ गया इसी गंभीर हालत में जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है जहां उसका इलाज चल रहा है।