किसानों का कहना है कि पिछले साल भी उनकी फसल ओलावृष्टि से बर्बाद हो गयी थी। लेकिन बीमा की राशी उन्हें मिली थी। जबकि उनकी फसलों का बीमा क़िस्त कंपनी द्वारा पहले ही काट लिया जाता है लेकिन पैसा नहीं दिया जाता। जब वह मंत्री के सामने अपनी समस्या लेकर आए, तो उनके साथ बदसलूकी की गई।