बताया गया है कि कुछ दिन पूर्व एक नाबालिग किशोरी को भगा ले जाने का मामला पास्को एक्ट में दर्ज किया गया था। जिसके बाबत बड़ापुरा निवासी गोकुल कुशवाहा और नाराहट निवासी उसके साले देवेन्द्र तनय कडोरे दोनों जीजा सालों को पूछताछ के लिए चौकी इंचार्ज अटल बिहारी द्वारा सदर कोतवाली लाया गया। आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने उन दोनों की जमकर पिटाई की एवं झूठे मामले में फंसाए जाने की धमकी भी दी जिससे साले देवेंद्र की तबीयत बिगड़ गई और वह बेहोश हो गया। तबीयत बिगड़ने के बाद पुलिसकर्मियों द्वारा उसे कोतवाली से छोड़ दिया जिसके बाद परिजनों ने जिला चिकित्सालय में उसे भर्ती कराया जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
मौत के बाद मृतक के तीमारदारों और सामाजिक लोगों ने जिला अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा काटा और पथराव भी किया। हंगामे की सूचना पाकर आला अधिकारी मौके पर पहुंचे जिसके बाद परिजनों ने लिखित रूप से तहरीर देकर चौकी इंचार्ज अटल बिहारी के साथ दो पुलिस कर्मियों को आरोपित कर मामले में कार्यवाही की मांग उठाई।
तहरीर दिए जाने के बाद एसपी कैप्टन एमएम बेग ने तत्कालीन चौकी इंचार्ज अटल बिहारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर पूरे मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं।