जिला मलेरिया अधिकारी डॉ एम सी पॉल ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीमें गांव-गांव जाकर मच्छर से होने वाली विभिन्न बीमारियों के बारे में बता रही है। अभियान में पंपलेट्स का भी सहारा लिया जा रहा है। सहायक मलेरिया अधिकारी अजब सिंह ने बताया कि एनाफिलीज मादा मच्छर से मलेरिया होता है। इससे बचने के उपाय व बीमारी होने पर लोगों को उपचार के लिये जागरूक किया जा रहा है। शहर में नगर पालिका परिषद और ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायती राज विभाग की ओर से जगह-जगह साफ सफाई कराई जा रही है। जागरूकता बढ़ने से मलेरिया के केसों में कमी आई है। वर्ष 2021 में 15 केस निकले थे। वहीं, इस साल इनकी संख्या घटकर 7 रह गई है।
ऐसे रूकेंगे संचारी रोग
घर के अंदर और घर के आस पास जल जमाव न होने दें। मच्छरों से बचने के लिए रुके हुए पानी के स्थानों को मिट्टी से भर दे। गमला, छत पर पड़े पुराने टायर प्रयोग में न आने वाली सामग्री में पानी को एकत्र न होने दें, प्रत्येक रविवार कूलर का पानी बदले, सोते समय मच्छरदानी, क्रीम व स्प्रे आदि का प्रयोग करें, संभव हो तो पूरी आस्तीन के कपड़े पहने, जिससे शरीर के अधिक से अधिक हिस्से को ढक कर रखा जा सके।
घर के अंदर और घर के आस पास जल जमाव न होने दें। मच्छरों से बचने के लिए रुके हुए पानी के स्थानों को मिट्टी से भर दे। गमला, छत पर पड़े पुराने टायर प्रयोग में न आने वाली सामग्री में पानी को एकत्र न होने दें, प्रत्येक रविवार कूलर का पानी बदले, सोते समय मच्छरदानी, क्रीम व स्प्रे आदि का प्रयोग करें, संभव हो तो पूरी आस्तीन के कपड़े पहने, जिससे शरीर के अधिक से अधिक हिस्से को ढक कर रखा जा सके।
न करें नजरंदाज:- मादा मच्छर एनाफिलीज के काटने के बाद 14 से 21 दिन के अंदर बुखार आता है। बुखार प्रतिदिन आता है और निश्चित समय के बाद उतर जाता है। इस दौरान थकान, चक्कर आना, शारीरिक कमजोरी बढ़ जाती है। सहायक मलेरिया अधिकारी ने बताया कि जनपद की समस्त चिकित्सा इकाइयों में मलेरिया बुखार की जांच निःशुल्क होती है।