scriptजेल में निरुद्ध कैदी ने जेलर पर लगाये गम्भीर आरोप, कहा – पैसों की मांग पूरी न करने पर लाठियों से जानवरों की तरह पीटा | prisoner blame to jailer to beat him in lalitpur | Patrika News

जेल में निरुद्ध कैदी ने जेलर पर लगाये गम्भीर आरोप, कहा – पैसों की मांग पूरी न करने पर लाठियों से जानवरों की तरह पीटा

locationललितपुरPublished: Dec 06, 2018 09:43:12 am

यहां की जेलों में कैदियों के साथ जानवरों जैसा बर्ताव किया जाता है।

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जेल में निरुद्ध कैदी ने जेलर पर लगाये गम्भीर आरोप, कहा – पैसों की मांग पूरी न करने पर लाठियों से जानवरों की तरह पीटा

ललितपुर. यहां की जेलों में कैदियों के साथ जानवरों जैसा बर्ताव किया जाता है। कैदियों को सुधारने की बजाय उनसे पैसों की मांग की जाती है। मांगना पूरी होने पर उन्हें जानवरों जैसा मारापीटा जाता है। जी हां यह सच है, यह हम नहीं कह रहे बल्कि कैदी स्वयं बयां कर रहे हैं जो हाल ही में जिला कारागार में निरुद्ध है। जेल में कैदियों को इसलिए भेजा जाता है कि वहां पर तैनात जेलर व पुलिसकर्मी कैदियों को अच्छी शिक्षा दी कर उन्हें सुधारने का काम करें। मगर जब जेलर ही भ्रष्ट हो कर कैदियों से पैसों की मांग करें और जब मांग पूरी ना हो तो उनके साथ जानवरों जैसा मारपीट का व्यवहार करें तो क्या कभी सुधर सकेंगे।

मामला ललितपुर की जिला कारागार का है जहां पर एक सेक्स रैकेट कांड में अभियुक्त सम्यक राजनायिक निरुद्ध है। इस कैदी को जब जिला कारागार से न्यायालय सुनवाई के लिए लाया गया तो इस कैदी की बयानों ने न्यायालय में सनसनी पैदा कर दी जिसने सुना और देखा वह देखता ही रह गया। क्योंकि इस कैदी ने जेलर डी के मिश्रा व वहां तैनात सिपाहियों पर गंभीर आरोप लगाकर जान जाने का खतरा बताया । कैदी का कहना था कि वहां पर तैनात जेलर उससे अवैध रूप से पैसों की मांग करता है और जब उसकी मांग पूरी नहीं की जाती तो वह उसी लाठी डंडों से जानवरों की तरह मारता पीटता है तथा पुराने कैदियों से भी पिटवाता है । उसने अंदेशा जताया की जेल में उसकी हत्या भी की जा सकती है । कैदी के बयानों के आधार पर न्यायालय ने जेल प्रशासन को तत्काल डॉक्टरों का पैनल गठित कर मेडिकल परीक्षण कराने का फरमान दिया । जिस पर जिला चिकित्सालय में कैदी का मेडिकल परीक्षण कराया गया वहां पर जब कैदी के शरीर पर चोट के निशान दिखाई दिए तो सारी बात समझ में आ गई । जिला अस्पताल में कैदी को मीडिया से दूर ही रखा गया था और जब मीडिया ने कैदी से मिलना चाहा तो उसे जबरन झील की एंबुलेंस में ठूंस दिया गया । मगर उसने मीडिया को अपना दोहरा सुनाया आप मेडिकल रिपोर्ट के बाद न्यायालय के फैसले का इंतजार है संभवत है कई अधिकारी और पुलिस कर्मियों पर गाज गिर सकती है ।

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