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‘‘क्या, क्यों और कैसे’’ सवाल का जबाब आरटीआई के अंतर्गत नहीं दिया जा सकता – Commissioner

locationललितपुरPublished: Aug 17, 2022 07:54:34 pm

Submitted by:

Dinesh Mishra

उत्तर प्रदेश की राज्य सूचना आयुक्त किरण बाला चौधरी ने ललितपुर जिले में दौरा कर कलैक्ट्रेट सभागार में योजनाओं की समीक्षा बैठक की।

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राज्य सूचना आयुक्त उत्तर प्रदेश ने कलैक्ट्रेट सभागार में जनपद के समस्त विभागों के जनसूचना अधिकारियों एवं उनके प्रथम अपीलीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। इस बैठक में जनपद स्तरीय सभी विभागों के अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों के पेचकस ते हुए तय समय के अनुसार मांगी गई सूचनाएं उपलब्ध कराने की दिशा निर्देश दिए इसके साथ ही उन्होंने समीक्षा बैठक भी की।
कलेक्ट्रेट परिसर में की गई बैठक के दौरान राज्य सूचना आयुक्त ने कहा कि कोई व्यक्ति पदनाम/संस्था के माध्यम से सूचना लेने के लिए अधिकृत नहीं हैं। उन्होंने बताया कि 10 रु0 का पोस्टल ऑर्डर/नगद जमा धनराशि की रसीद मान्य है, 10 रु0 का नोट स्वीकार न करें।
‘‘क्या, क्यों और कैसे’’ सवाल का जबाब आरटीआई के अंतर्गत नहीं दिया जा सकता

‘‘क्या, क्यों और कैसे’’ सवाल का जबाब आरटीआई के अंतर्गत नहीं दिया जा सकता है, कार्यालय में उपलब्ध सूचना/जानकारी ही उपलब्ध करायी जा सकती है, सूचना सृजन करने के लिए जनसूचना अधिकारी बाध्य नहीं है। यह कानून नागरिकों को सरकार की गतिविधियों के बारे में जानकारी देने के लिए एक बड़ा कदम है। राज्य सूचना आयुक्त श्रीमती किरन बाला चौधरी ने जनपद के समस्त जन सूचना अधिकारी एवं उनके प्रथम अपीलीय अधिकारियों के साथ समीक्षा करते हुए कहा कि आरटीआई एक्ट में प्रावधान है कि वाद के निस्तारण हेतु आपको आयोग के समक्ष स्वयं प्रस्तुत होना है, उन्होंने कहा यदि ऐसा नहीं होता है तो बार-बार बुलाया जाएगा और ना आने पर आर्थिक दंड अधिरोपित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आयोग में लगभग 274 वाद लंबित हैं समस्त विभागीय अधिकारी स्वयं समीक्षा करें और निस्तारण हेतु भिज्ञ अधिकारियों ही आयोग के समक्ष उपस्थित होना सुनिश्चित करें। उन्होंने बताया कि आवेदन ऑनलाइन और ऑफलाइन लिया जाना है कोई भी जन सूचना अधिकारी मना नहीं करेंगे।
समीक्षा के दौरान राज्य सूचना आयुक्त ने कहा कि सभी अधिकारी राइट टू इनफार्मेशन एक्ट को भलीभांति पढ़ लें, नियमावली को सही तरीके से आत्मसात कर लें। उन्होंने कहा कि अधिनियम के तहत जो उपयुक्त हो वही सूचनाएं दे अनावश्यक सूचनाएं ना दें, यह अवश्य सुनिश्चित कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि सूचनाएं देने में बहाने बाजी ना करें और ना ही सूचनाएं विलम्ब से दें, उन्होंने कहा यदि सूचना नहीं दी जानी है तो एक्ट के अनुसार उसकी जानकारी अवश्य दें कि क्यों सूचना नहीं दी जानी है।समीक्षा में अपर जिलाधिकारी/नोडल अधिकारी गुलशन कुमार ने राज्य सूचना आयुक्त श्रीमती किरन बाला चौधरी का स्वागत करते हुए उन्हें अमृत महोत्सव के अंतर्गत आयोजित होने वाले हर घर तिरंगा कार्यक्रम की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जनपद में विभिन्न विभागों की लगभग 274 प्रकरण है जिनमें सूचनाएं उपलब्ध कराया जाना है। उन्होंने एक माह में समस्त लंबित आवेदनों के निस्तारण कराए जाने का आश्वासन दिया और अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि तत्काल निस्तारण करना सुनिश्चित करें। समीक्षा बैठक में सूचना अधिनियम विशेषज्ञ एड शैलेंद्र सिंह चौहान ने सूचना का अधिकार अधिनियम की विस्तार से जानकारी दी और अधिकारियों को विभिन्न धाराओं के विषयक जानकारी देते हुए लंबित प्रकरणों के निस्तारण जल्द कराए जाने हेतु आव्हान किया।
राज्य सूचना आयुक्त की अध्यक्षता में आयोजित समस्त विभागों के जनसूचना अधिकारियों एवं उनके अपीलीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अनिल कुमार पाण्डेय ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि आपके कुशल मार्गदर्शन से जनपद में समस्त लंबित वादों का निस्तारण जल्द किया जाना सुनिश्चित किया जाएगा।
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इस अवसर पर एडीएम/नोडल अधिकारी आरटीआई गुलशन कुमार, मुख्य विकास अधिकारी अनिल कुमार पाण्डेय, डीडीओ केएन पाण्डेय, एसीएमओ डॉ जेएस बक्शी, डीसी स्वतः रोजगार नीरज कुमार श्रीवास्तव, पीडी डीआरडीए एके सिंह, रोजगार सहायता अधिकारी आकांक्षा यादव, डीपीआरओ नवीन मिश्रा, जेल अधीक्षक लाल रत्नाकर सिंह, बीएसए रामप्रवेश, उप निदेशक कृषि संतोष कुमार सविता, डीआईओएस शेरसिंह वरुण, जिला सूचना अधिकारी सुरजीत सिंह, व्यक्तिगत सहायक श्री नजरुल सिद्दकी सहित जनपद के समस्त विभागों के कार्यालयाध्यक्ष/जन सूचना अधिकारी एवं अपीलीय अधिकारी उपस्थित रहे।

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