scriptआंगनबाड़ी केंद्र पर हो रहा राशन बैग का सही उपयोग | Rashan bag usage in anganbadi centres | Patrika News

आंगनबाड़ी केंद्र पर हो रहा राशन बैग का सही उपयोग

locationललितपुरPublished: Feb 15, 2020 06:16:33 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

– बच्चों के लिए बनाए जा रहे बस्ते

lalitpur news

lalitpur news

ललितपुर. कुपोषण मिटाने और बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए बाल विकास परियोजना विभाग लगातार कार्यरत है। समय-समय पर विभाग द्वारा ऐसी योजनाएँ लाई जाती हैं, जिससे 0-6 वर्ष तक के बच्चों को सम्पूर्ण पोषण पर ध्यान और मानसिक और शारीरिक विकास हो सके। जिला कार्यक्रम अधिकारी पुष्पा वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि विभाग द्वारा लगातार ऐसे प्रयास किए जा रहे हैं जिससे बच्चों को कुपोषण से मुक्त किया जा सके। साथ ही छोटे-छोटे ऐसे प्रयास किए जा रहें हैं जिससे बच्चों का आगनवाड़ी केन्द्रों पर आने की ओर रुझान बढ़े। कुछ ऐसा ही प्रयास तेरई फाटक स्थित आंगनवाड़ी केंद्र में किया जा रहा है। यहाँ स्थित आंगनवाड़ी केंद्र में राशन के लिए आए हुए बोरों (बैग्स) को दोबारा इस्तेमाल किया जा रहा है। खाली बोरों से आंगनवाड़ी केंद्र के बच्चों के लिए बस्ते तैयार किए जा रहे हैं।
जिला कार्यक्रम अधिकारी बताती हैं कि इन बैग्स को बनाने का मुख्य उद्देश्य राशन के बोरों को पुनः इस्तेमाल करना और साथ ही यह काम पर्यावरण के अनुकूल भी है। बच्चे छोटी उम्र से ही पर्यावरण के प्रति सजग होंगे। साथ ही इन बस्तों में बच्चों द्वरा किए गए दैनिक कार्य को रखा जाता है और माता पिता को भी दिखाया जाता है। आंगनवाड़ी केंद्र संचालिका भगवती बताती हैं कि पहले राशन के बोरों को फेक दिया जाता था। अब इन बोरों से आंगनवाड़ी केंद्र में आने वाले बच्चों के लिए बस्ते बनाते हैं। केंद्र पर 74 बच्चे पंजीकृत हैं। जिनके लिए यह बैग्स बनाए जा रहे है, अब तक 20 बस्ते तैयार कर लिए गए है। वही केंद्र पर 3 अतिकुपोषित बच्चे भी हैं, जिनके माता पिता को उन्हे पोषण पुनर्वास केंद्र ले जाने के लिए समझाया जा रहा है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी के अनुसार जनपद में 1124 आंगनवाड़ी केंद्र हैं। और कोशिश है कि ज़्यादातर केन्द्रों पर इस तरह का प्रयास किया जाए। लेकिन यह पूर्णतया आगनवाड़ी कार्यकर्ता पर निर्भर है।

ट्रेंडिंग वीडियो