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यातायात माह के समापन पर बोले एसपी, हमारा उद्देश्य चालान व शमन शुल्क वसूलना नहीं, नियमों के प्रति जागरूक करना है

locationललितपुरPublished: Nov 30, 2019 10:23:29 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

– समापन दिवस पर शहर में रैली निकाल कर एक बार फिर नागरिकों को किया जागरूक
– माह में 4382 चालान कर 13 लाख रुपये का बसूला शमन शुल्क

lalitpur news

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ललितपुर. यातायात माह के समापन दिवस पर एसपी ने कहा कि हमारा उद्देश नागरिकों को परेशान कर उनके चालान करना और शमन शुल्क वसूल करना नहीं बल्कि यातायात नियमों के प्रति जागरूक करना है। यदि व्यक्ति यातायात नियमों का नियम से पालन करेगा तो निश्चित ही सड़क दुर्घटना और दुर्घटना में होने वाली मौतों पर लगाम लगाई जा सकेगी। क्योंकि यदि सड़क दुर्घटना में किसी भी परिवार के मुखिया की मौत होती है तो वह अकेला नहीं मरता बल्कि तिल-तिल कर उसका परिवार भी मरता है।
गौरतलब है कि यातायात माह नवंबर 2019 का शुभारंभ 1 नवंबर को पुलिस अधीक्षक कैप्टन एम एम बेग और अपर जिलाधिकारी अनिल कुमार मिश्रा ने फीता काटकर किया गया था । यातायात माह के शुभारंभ पर भी उन्होंने यही शब्द दोहराये थे कि हमारा उद्देश्य चालान करना नहीं बल्कि नागरिकों को अपने कर्तव्य के प्रति जागरूक करना है। माह की अंतिम दिन 30 नवंबर को यातायात माह के समापन पर नेहरू महाविद्यालय से एनसीसी कैडिट के छात्र-छात्राओं द्वारा एक नागरिक जागरूकता रैली का शुभारंभ किया गया । इस रैली को पुलिस अधीक्षक कैप्टन एमएम बेग और नेहरू महाविद्यालय के प्राचार्य अवधेश कुमार अग्रवाल ने संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया । रैली शहर के मुख्य मार्गों से होती हुई रिजर्व पुलिस लाइन तक पहुंची रैली में प्रतिभाग कर रहे छात्र-छात्राओं के हाथों में स्लोगन की तख्तियां थी जिन पर यातायात नियमों का पालन करने संबंधी स्लोगन लिखे हुए थे। रिजर्व पुलिस लाइन में रैली का समापन किया गया । इस मौके पर बताया गया कि विभाग द्वारा स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से एक माह लगातार सार्वजनिक स्थानों पर गोष्ठियों का आयोजन कर नागरिकों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक करने का संदेश दिया गया तथा साधारण और ई चालान सहित 4382 चालान कर लगभग 13 लाख रुपए का शमन शुल्क भी वसूल किया गया जो गत वर्ष की तुलना में काफी अधिक है। इस मामले में टीएसआई आशुतोष मिश्रा ने बताया कि लगभग 2230 ई-चालान किए गए हैं । क्योंकि मौके पर कागजात मौजूद नहीं होते हैं और ई-चालान के बाद लोग जब कागजात प्रस्तुत करते हैं तब चालान में दर्शाई गई रकम काफी हद तक कम हो जाती है।
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