मृतक असलम पठान की रिपोर्ट पॉजिटिव और अन्य लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव आने पर जनपद में यह चर्चा का विषय बना हुआ है। लोगों की जुबान पर सिर्फ एक ही बात है कि जिसके परिवार में कोरोना संक्रमण से मौत हुई हो तो फिर यह कैसे संभव है कि उसके सभी परिजनों की रिपोर्ट पॉजिटिव आए जबकि सभी परिजन लगातार उसके सम्पर्क में रहे और इस रिपोर्ट लेकर कई जानकारों के साथ-साथ समाजसेवियों वकीलों और नेताओं में बहस भी छिड़ गई है।
इस मामले में पूर्व जिला अध्यक्ष बीएसपी जानकी प्रसाद का कहना है कि मेडिकल रिपोर्ट में है लेकिन इस मरीज के संपर्क में तो कई लोग आए लेकिन जांच के बाद उन सभी की रिपोर्ट नेगेटिव आना स्वास्थ्य विभाग पर बड़ा सवालिया निशान है। जबकि संभवत ऐसा नहीं होना चाहिए था इसके साथ-साथ उन्होंने मरीज की रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि हो सकता है वह स्वास्थ विभाग में संविदाकर्मी था। इसलिए गवर्नमेंट द्वारा दिए जा रहे मुआवजे को लेकर रिपोर्ट पॉजिटिव बनवाई गई हो।
वहीं आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष हरदयाल सिंह लोधी एडवोकेट ने कहा कि मैं प्रदेश के मुख्यमंत्री से निवेदन करना चाहता हूं कि इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराकर मरीज के संपर्क में सभी लोगों के साथ-साथ उसके परिजनों की एक बार पुनः जांच कराएं। नहीं तो जनपद में बड़ी महामारी फैल सकती है। उन्होंने कोरोनावायरस मरीज के शव को परिजनों की मौजूदगी में दफनाने पर भी सवालिया निशान खड़े किये है। उन्होंने कहा कि कोरोना से पीड़ित की मौत के बाद उसके परिवार को उसका शरीर कहीं भी नहीं सौंपा जाता । लेकिन ललितपुर में जांच रिपोर्ट आने के बाद स्पष्ट हुआ कि वह कोरोनावायरस से पीड़ित था। इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग ने उसके परिजनों एवं मिलने वालों को उसके अंतिम संस्कार में सम्मिलित किया जो प्रशासनिक कार्यवाही पर एक बड़ा सवालिया निशान है। इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए।