खुद को बताया सीएमओ कार्यालय का कर्मचारी पीड़ित तौफीक खान ने सदर कोतवाली पुलिस को एक शिकायती पत्र देकर अवगत कराया कि वह मजदूर वर्ग का व्यक्ति है, जो गाड़ियों पर ड्राइवरी कर अपना और अपने परिवार का जीवन यापन कर रहा है। 2013 में अपने आप को कय्यूम अली हाशमी बताने वाला व्यक्ति अपनी पत्नी शबनम हाशमी उर्फ साधना झा के साथ कई बार सीएमओ कार्यालय आता था और कई बार अपनी गाड़ी से भी आता जाता था, जिस कारण प्रार्थी से उसकी जान पहचान हो गई। इसी जान पहचान का फायदा उठाते हुए कय्यूम अली हाशमी ने अपने आप को सीएमओ कार्यालय का कर्मचारी बताया। उसने बताया कि वह स्वास्थ्य विभाग में ड्राइवर वार्ड बॉय चपरासी के पद पर है और वह लोगों की नौकरी लगवा सकते हैं। उनका भाई इमरान हाशमी लखनऊ में राजनीतिक पकड़ भी रखता है। जान पहचान होने की वजह से उनकी बातों में आकर नौकरी के लिए हामी भर दी।
इस तरह दिया धोखा तौफीक खान ने बताया कि ड्राइवर की नौकरी के लिए उससे कुछ कोरे स्टांप और फिटनेस सर्टिफिकेट पर हस्ताक्षर करवाए गए। इसके बाद 19 जुलाई, 2013 को कय्यूम अली हाशमी ने अपने खाते में 24 हजार और 14 अगस्त को 25 हजार रुपया जमा करवा लिए। उसने नौकरी न लगने पर पूरा पैसा वापस करने की भी बात कही। तौफीक के मुताबिक इस तरह की धोखाधड़ी कई बेरोजगारों के साथ की गई। पीड़ित तहरीर के आधार पर कोतवाली पुलिस ने आरोपी कय्यूम अली हाशमी के साथ दो अज्ञात के खिलाफ 420 406 504 धाराओं में मामला पंजीकृत कर विवेचना प्रारंभ कर दी है।
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