ललितपुर

तीन साल की बच्ची को बचाने के लिए 260 किमी नॉन स्टॉप दौड़ी ट्रेन, भोपाल आरपीएफ ने अपहरणकर्ता को किया गिरफ्तार

– झांसी के आरपीएफ सब-इंस्पेक्टर ने ललितपुर से लेकर भोपाल के बीच किसी भी स्टेशन पर न रोकने का किया था अनुरोध – भारतीय रेलवे के इतिहास में ऐसा पहली हुआ जब अपहरणकर्ता को पकड़ने के‍ लिए ट्रेन को 260 किलोमीटर नॉनस्‍टॉप चलाया गया।

ललितपुरOct 26, 2020 / 08:34 pm

Neeraj Patel

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
ललितपुर. जिले में अपने 3 साल की बच्ची की तलाश में मां-बाप रेलवे स्टेशन पहुंच गए। परिजनों की शिकायत पर आरपीएफ हरकत में आई और रेलवे स्टेशन पर लगे सीसीटीवी फुटेश खंगालना शुरू किया। सीसीटीवी के जरिए पता चला कि एक युवक बच्ची को गोद में लेकर भोपाल की तरफ जा रही राप्तीसागर एक्सप्रेस में सवार हो गया। इसके बाद आरपीएफ के सब इंस्पेक्टर रविंद्र सिंह रजावत की सजगता और सूझबूझ से किडनैप हुई बच्ची को सकुशल पकड़ लिया गया।

दरअसल, ललितपुर रेलवे स्टेशन पर एक 3 साल की मासूम बच्ची का अपहरण हो गया था। अपहरणकर्ता मासूम बच्ची को गोद में लेकर भोपाल की तरफ जा रही राप्तीसागर एक्सप्रेस में चढ़ गया था। बच्ची की खोजते हुए परिजन ललितपुर रेलवे स्टेशन पर पहुंचे। परिजनों की शिकायत पर हरकत में आए आरपीएफ ने रेलवे स्टेशन पर लगे सीसीटीवी कैमरे को खंगालना शुरू किया। कैमरे में एक युवक 3 साल की बच्ची को गोद में लेकर ट्रेन में सवार होता हुआ दिखाई दिया। अपहरणकर्ता बच्ची को लेकर ट्रेन से फरार हो गया था।

मामले की जानकारी मिलने के बाद झांसी के आरपीएफ इंस्पेक्टर ने ऑपरेटिंग कंट्रोल भोपाल को पूरे मामले की जानकारी दी। उन्होंने राप्तीसागर एक्सप्रेस को ललितपुर से लेकर भोपाल के बीच किसी भी स्टेशन पर न रोकने का अनुरोध किया। इसके बाद ऑपरेटिंग कंट्रोल भोपाल ने राप्तीसागर को ललितपुर से लेकर भोपाल तक नॉनस्टॉप दौड़ा दिया। इस वजह से अपहरणकर्ता बच्ची को लेकर बीच में पड़ने वाले किसी स्टेशन पर उतर नहीं सका।

अपहरण करने वाले युवक गिरफ्तार

भोपाल रेलवे स्टेशन पर किडनैपर को दबोचने के लिए आरपीएफ और जीआरपी मौजूद थी। जैसे ही ट्रेन भोपाल रेलवे स्टेशन पर पहुंची, मौके पर मौजूद आरपीएफ और जीआरपी के अफसरों ने अपहरणकर्ता को ट्रेन की एक बोगी से धर दबोचा। पुलिस ने बच्ची को सकुशन मिलने के बाद अपहरण करने वाले युवक को गिरफ्तार कर लिया है। बच्ची को परिजनों को सौंप दिया गया है। भारतीय रेलवे के इतिहास में ऐसा पहली हुआ जब अपहरणकर्ता को पकड़ने के‍ लिए ट्रेन को 260 किलोमीटर नॉनस्‍टॉप चलाया गया।

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