बांध के गेट खोलने से पहले प्रशासन ने अलर्ट घोषित किया था और अनाउंसमेंट कर निचले इलाकों में बसे लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए भी कहा गया था। विगत देर शाम गोविंद सागर बांध के साथ दो और बांधों के गेटों को खोला गया जिसमें जामनी बांध भी शामिल है। सहजाद नदी पर बने गोविंद सागर बांध के गेटों को खोलकर जब पानी की निकासी की गई, तो शहर के नदी किनारे की नदीपुरा बस्ती में बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए। नदीपुरा में बसे सैकड़ों मकानों में पानी घुस गया। वहां के रहने वाले लोगों ने अपना सामान घरों की छतों के ऊपर रख लिया और छतों के ऊपर खड़े होकर इस भयानक स्तिथि का नजारा देख रहे हैं। हालांकि, अगर प्रशासन की मानें, तो यह मकान यहां के लोगों ने अतिक्रमण कर सरकारी जमीन में बनाए हैं जिस कारण इन मकानों में पानी भर जाता है।
पुलिस और प्रशासन ने नहीं ली खबर लेकिन प्रशासन ने ऐसा कुछ नहीं किया और अब जब इन घरों में पानी भर गया है। यहां के मोहल्ले वालों में से एक निवासी मुहम्मद जुनेद ने जिला प्रशासन पर आरोप लगाया है कि यहां पर कोई अनाउंसमेंट नहीं किया गया। केवल एक पुलिस वाला आया था, जो यह कह कर गया कि बांध के गेट खोलेंगे। पुलिस वाले ने कहा कि अपना सामान हटा लो और उसके बाद कल रात को बांध के गेट खोले गए जिस कारण हम लोगों का सामान पानी में डूब गया। अभी तक जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन का कोई भी अधिकारी और कर्मचारी हम लोगों की खैर-खबर लेने नहीं आया।
जलस्तर बढ़ने का डर वहीं अभी लगातार बारिश हो रही है जिससे बांधों का जलस्तर और बढ़ने की संभावना है। अगर बांधों का जलस्तर और बढ़ता है, तो गेट और ज्यादा खोले जाएंगे जिससे जनपद में बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो सकते हैं। निचले इलाकों के कई ग्रामीण क्षेत्रों में पानी भरने की संभावना बनी हुई है।