कस्बा वासियों को आशा है कि नहर का पानी नदी में आ गया तब ही कुछ समय के लिए राहत मिल सकती है। क्योंकि कस्बा में पेयजलापूर्ति का एक मात्र साधन कस्बा से निकाली शाहजाद नदी है, कस्बा की नदी सूखने के बाद बांसी बाशिंदों को एक एक बूंद पानी को परेशान होना पड़ता है क्योंकि यहां किसी प्रकार का कोई बोर सफल नहीं है। वर्ष 2014-15 में सूखा पड़ने से नवम्बर 2015 से जून 2016 तक 8 माह तक कस्बा वासियों को टैंकरों के सहारे ही पेयजलापूर्ति की गई थी। टैंकरों से पानी वितरण को लेकर आए दिन विवाद होते थे कस्बा वासियों को घंटों टैंकरों का इंतजार करना पड़ता था और दो टंकी पानी ही नसीब होता था और वह भी गंदा मिलता था। इस बार भी इससे भयानक स्थिति बनती जा रही है नदी का पानी सूख गया है नदी के गढ्ढों में ही थोड़ा सा पानी बचा है जिससे दो चार दिन ही नलों से पेयजलापूर्ति संभव है।
गांव वासियों को आशा है कि नहर खुल गयी नदी में नहर का पानी आने की आशा लगाए है यदि नदी में पानी नहीं आया तो कस्बा वासियों को एक एक बूंद पानी के लिए संघर्ष करना होगा, मवेशीयों को भी पीने का पानी नहीं मिल सकेगा। शासन प्रशासन से जनहित संघर्ष समिति बांसी ने मांग की है कि बांध के गेट खोलकर या फिर नहर से अधिक पानी छोड़कर नदी में पानी अधिक मात्रा में भेजा जाए तो कुछ दिन के लिए इस विकराल समस्या से कुछ दिन के लिए राहत मिल सकती है। शासन प्रशासन से आगे आने वाली पेयजल समस्या के निदान हेतु कोई वैकल्पिक व्यवस्था जाने की मांग की गई है और बांसी -हर्षपुर पेय जल योजना का कार्य शीय्रता से कराए जाने की मांग की है क्योंकि इस योजना को इसी वित्तीय वर्ष में पूर्ण होना था जो विभागीय लापरवाही के कारण पूरी नहीं हुयी है यदि यह योजना पूरी हो जाती है तो बांसी में पेय जल की समस्या नहीं रहेगी क्योंकि इस योजनान्तर्गत शहजाद बांध से बांसी सहित दर्जनों गांवों की पेयजलापूर्ति की जानी है।
इस संबंध में कस्बा निवासी सुदामा दुवे ने बताया कि हर साल कस्बा वासी में पेयजल संकट गहरा जाता है । क्योंकि यहां पर जमीन के अंदर पानी की कमी है और यहां की नदियां भी गर्मियों में अक्सर सूख जाया करती है यहां पर पिछले कई सालों से टैंकरों से पानी की सप्लाई की जाती है । मगर उस पानी सप्लाई में भी कई तरह के घोटाले किए जाते हैं जो समय समय पर सामने आते रहे है । जिला प्रशासन से पेयजल संकट के बारे में कई बार लिखित रूप से शिकायत की गई मगर अभी तक कोई स्थाई समाधान नहीं हो पाया है । अब ऐसे में देखने वाली बात है होगी कि इस वर्ष पेयजल संकट पर शासन प्रशासन क्या कार्यवाही करता है क्या कोई स्थाई समाधान करता है या फिर गत वर्षो की तरह ही पानी के टैंकरों से पेयजल की सप्लाई करवाता है ।