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नोटबंदी पर रघुराम राजन के 5 बड़े खुलासे, जानकर दंग रह जाएंगे आप

हाल ही में लॉन्च हुई अपने किताब “I Do What I Do” में उन्होने कई अहम और बड़े खुलासे किया।

नई दिल्लीSep 07, 2017 / 01:19 pm

manish ranjan

नई दिल्ली। RBI गर्वनर के तौर पर रघुराम राजन के कार्यकल खत्म को हुए एक साल हो गया है। पूर्व गर्वनर और आर्थिक विशेषज्ञ रघुराम प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किए गए नोटबंदी के पक्ष में कभी नहीं रहे। हाल ही में लॉन्च हुई अपने किताब “I Do What I Do” में उन्होने कई अहम और बड़े खुलासे किया। उन्होने अपनी किताब मे कहा कि, सरकार ने मुझसे फरवरी 2016 में ही नोटबंदी को लेकर मुझसे पूछा था। हालांकि लंबे अवधि में इससे फायदा तो होगा लेकिन शॉर्ट टर्म जो नुकसान होगा वो इससे बहुत अधिक होगा। और सरकार के लक्ष्य को हासिल करने के लिए और भी अलग तरह के विकल्प थे। मैनें इसके लेकर सरकार के सामने अपना विचार रखा था।


अपनी किताब के लॉन्च से पहले मीडिया को दिए हुए कई इंटरव्यू में उन्होने नोटबंदी को लेकर अपने विचारो सबके सामने रखा। रघुराम राजन द्वारा किए कई खुलासे मे से कुछ सबसे बड़े खुलासो को हम आपको बता रहेे है।


नोटबंदी पर निर्णय को लेकर उन्होने क्या कहा

नोटबंदी के बाद से ही इसके पक्ष में न रहने वाले राजन ने मीडिया को बताया कि, मेरे कार्यकाल मे किसी भी समय आरबीआई को नोटबंदी के लिए नहीं पूछा गया और न ही इससे जुड़ी कोई जानकारी दी गई।


नोटबंदी से होने वाले नुकसान पर क्या कहा

नोटबंदी पर होने वाले नुकसान को लेकर उन्होने कहा कि, यदि आप किसी भी मौद्रिक एवं आर्थिक विशेषज्ञ से पूछेंगे तो वो ये बताएगा कि जब भी आप मार्केट से करेंसी को विड्रॉ करेंगे तो इससे अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ेगा। खासकर उन लेनदेन पर जिनमें क्रेडिट कार्ड जैसे अन्य प्लास्टिक मनी का विकल्प नही उपलब्ध है।


नोटबंदी से होने वाले फायदे-नुकसान

हमने नोटबंदी से होने वाले असर को करीब से देखा है और वो पर्याप्त है। हम देख सकते है कि इससे जीडीपी पर क्या असर पड़ा है। मैने 2 से 3 फीसदी का अनुमान लगाया था और ये ढेर सारा पैसा होता है। लगभग देा लाख करोड़ जो कि शायद 2.5 लाख करोड़ पर भी पहुंच सकता है। इसके अलावा और भी तरह के खर्चे है जैस की नोटो की छपाई के खर्चे जो कि लगभग 8 हजार करोड़ है, बैंको के कर्मचारियों के अधिक काम करने के लिए ज्यादा मेहनताना आदि। अभी देखना होगा कि इतने खर्चे के बदले में हमें क्या कीमत चुकाना पड़ता है।


आर्थिक चेतावनी पर आरबीआई के कर्तव्य

रिजर्व बैंक द्वारा अर्थिक चेतावनी से जुड़े सवाल पर उन्होने बताया कि, आप रिजर्व बैंक के गर्वनर के तौर पर सबसे महत्वपूर्ण पद पर है और ऐसे में आपको आर्थिक रिस्क को हमेशा ध्यान देना होगा। आप फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व के तौर पर 35 से 40 अरब रुपए कंट्रोल करते है, आप अर्थव्यवस्था मे ब्याज दर से जुड़े अहम फैसले लेते हैं। इन सबको देखा जाए तो आप प्रभावी तौर पर अर्थव्यवस्था के लिए सबसे बड़े रिस्क मैनेजर है। आपको माइक्रो स्टेबिलिटी और ग्रोथ एजेंडा से जुड़े खतरों से सबको आगाह करना होगा। आपको इन सबके लिए कई बार मुखर होना पड़ेगा। आपको कई बार आने वाले दबाव को नकारना होगा।


नोटबंदी को लेकर आरबीआई द्वारा किया गया खराब तैयारी

ेनोटबंदी को लेकर आरबीआई द्वारा किए गए खराब तैयारी को लेकर राजन ने कहा कि, मुझे नहीं लगता कि नोटों की छपाई से लेकर नोटबंदी के बीच में जो समय था वो बाजार मे मौजूद सभी करेंसी को रिप्लेस करने लायक छपाई के लिए पर्याप्त था। ऐसे में यदि आपके पास करेंसी नहीं होगा तो आप इसे बाजार में बांट नही सकते। आप डिस्ट्रीब्यूशन से जुड़े कुछ परेशानियों को गिना सकते है लेकिन आपको ये भी स्वीकारना होगा की पर्याप्त संख्या मे नोटो की छपाई नहीं हुई थी।

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