Published: Jul 03, 2018 01:12:36 pm
Saurabh Sharma
यूरोपीय संघ (ईयू) के ग्लोबल डाटा प्राइवेसी रेग्युलेशन (जीडीपीआर) से 71 फीसदी भारतीय कंपनियां खुश हैं, यह बात एक सर्वेक्षण की रिपोर्ट में कही गई।
यूरोपीय संघ के कानून से खुश है 71 फीसदी भारतीय कंपनियां
नर्इ दिल्ली। कर्इ भारतीय कंपनियां अमरीका में है। देश में रह रहे लोगों का भी सपना है कि उनकी कंपनी की पहुंच अमरीका तक पहुंच जाए। साथ ही ज्यादा से ज्यादा व्यापार अमरीका के साथ हो। लेकिन जो डाटा आैर रिपोर्ट सामने आर्इ है वो वाकर्इ चौंकाने वाली है। क्योंकि कर्इ भारतीय कंपनियों ने बिजनेस करने से लिहाज से युरोप को बेहतर बताया है। आइए आपको भी बताते हैं कि इस रिपोर्ट में आैर क्या गया है।
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युरोप को पसंद करती है 71 फीसदी भारतीय कंपनियां
यूरोपीय संघ (ईयू) के ग्लोबल डाटा प्राइवेसी रेग्युलेशन (जीडीपीआर) से 71 फीसदी भारतीय कंपनियां खुश हैं। यह बात एक सर्वेक्षण की रिपोर्ट में कही गई। रिपोर्ट के अनुसार, इन कंपनियों का मानना है कि इस कानून से कारोबार और स्टार्टअप में निजता की समझ पैदा करने में मदद मिलेगी।
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इन्होंने कराया था सर्वेक्षण
डेलॉयट इंडिया और डाटा सिक्योरिटी ऑफ इंडिया (डीएससीआई) द्वारा यह सर्वेक्षण कराया गया था। सर्वेक्षण के अनुसार, जीडीपीआर की तत्परता के लिए काम करने वाले संगठनों में 80 फीसदी ने व्यक्तिगत या संवदेनशील डाटा में पहुंच बनाने की दिशा में अपनी प्रक्रियाओं की पहचान के लिए संबद्ध हितधारकों के लिए सामान्य जागरुकता अभियान चलाया है। सर्वेक्षण के नतीजे बताते हैं कि जीडीपीआर के लिए तैयार कंपनियों को प्रतिस्पर्धा का लाभ मिलेगा क्योंकि वे अपने नवाचारी और डिजीटलीकरण के व्यक्तिगत डाटा का उपयोग करने में समर्थ होंगे।
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जीडीपीआर पैदा करेगा नए अवसर
डेलॉयट इंडिया के साझेदार विशाल जैन ने कहा, “जीडीपीआर से डाटा निजता में नए सिरे से गौर किया जाएगा। जबकि यह नई अनुपालन अनिवार्यता है लेकिन कारोबार के लिए यह प्रतिस्पर्धा का लाभ भी प्रदान करता है। दरअसल, हमारे सर्वेक्षण का भी यही अनुमान है कि जीडीपीआर भारतीय कंपनियों के लिए कारोबार के नए अवसर हो सकते हैं।”