scriptनीति आयोग के CEO ने जताई आशंका, अगले 3 साल में मिल जाएगा बैंक जाने के झंझट से छुटकारा | amitabh kant says in three years physical banks may become irrelevant | Patrika News

नीति आयोग के CEO ने जताई आशंका, अगले 3 साल में मिल जाएगा बैंक जाने के झंझट से छुटकारा

Published: Jan 19, 2018 03:38:51 pm

Submitted by:

manish ranjan

कांत का कहना है कि डेटा विश्लेषण से वित्तीय समावेशन को और गति मिलेगी जिसके चलते भौतिक रूप से बैंक में जाना अगले तीन साल में अप्रासंगिक हो जाएगा।

amitabh kant
नई दिल्ली। भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर पिछले कुछ समय में काफी बड़े फैसले लिए गए हैं। साथ ही इकॉनमी में कैशलेस का चलन बढ़ने के लिए नोटबंदी के बाद डिजिटल पेमेंट पर काफी जोर दिया गया। अब निति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने बैंकों को लेकर एक बहुत बड़ी संभावना जताई है। उन्होंने कहा कि अभी से तीन साल बाद किसी तरह के वित्तीय काम के लिए लोगों को बैंक में जाने की जरूरत ही नहीं होगी और यहां तक कि तब इन बैंकों का अस्तित्व भी नहीं होगा। कांत का कहना है कि डेटा विश्लेषण से वित्तीय समावेशन को और गति मिलेगी जिसके चलते भौतिक रूप से बैंक और उनकी शाखाओं में जाना अगले तीन साल में अप्रासंगिक हो जाएगा।
भारत की डाटा खपत अमरीका और चीन से अधिक
कांत ने मानना है कि आनेवाले समय में बैंकों की शाखाओं में जाना खत्म हो जाएगा। इसका कारण बड़े पैमाने पर डेटा का उपयोग तथा डेटा विश्लेषण है। एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत ही एक ऐसा देश है, जहां एक अरब से अधिक लोगों को आधार कार्ड (बायोमेट्रिक) जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा अगले तीन साल में भारत में एक अरब से अधिक स्मार्टफोन मौजूद होंगे। उन्होंने यह भी दावा किया कि भारत का मोबाइल डाटा खपत अमरीका और चीन के डाटा खपत को मिला देने के बाद भी अधिक है।
भारत विश्वभर को बैंकिंग का नया मॉडल देगा :पेटीएम के संस्थापक
इस डिबेट में भाग लेते हुए पेटीएम के संस्थापक विजय शेखर शर्मा ने कहा कि दुनिया को भारत नया बैंकिंग मॉडल देगा और पेटीएम इस मॉडल का शुरुआती उदाहरण होगा।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो