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27 साल की इस लड़की ने खड़ी की करीब एक अरब डाॅलर की कंपनी, अब मिलेगा यह सम्मान

locationनई दिल्लीPublished: Feb 13, 2019 03:23:13 pm

Submitted by:

Saurabh Sharma

र्इ-काॅमर्स कंपनी जीलिंगो का मौजूदा समय में हेडक्वॉर्टर सिंगापुर में है। कंपनी की टेक टीम बेंगलुरु से काम देखती है।

Ankiti Bose

27 साल की उम्र की इस लड़की ने खड़ी की करीब एक अरब डाॅलर की कंपनी, अब मिलेगा यह सम्मान

नर्इ दिल्ली। अगर किसी युवा कुछ कर गुजरने का माद्दा हो आैर अच्छा आइडिया हो तो वो कुछ भी कर सकता है। एेसा ही कारनामा किया है महज 27 साल की अंकीति बोस ने। उन्होंने मात्र चार साल में अपनी कंपनी को करीब एक अरब डाॅलर का बना लिया है। जिसे जल्द ही यूनिकाॅर्न स्टेटस भी मिलने वाला है। साउथ र्इस्ट एशिया के फैशन ई-कॉमर्स प्लैटफॉर्म जीलिंगो की वो सीर्इआे होने के साथ अंकीति उसकी को-फाउंडर भी हैं। अंकिति पहली ऐसी भारतीय महिला सीईओ बन गई हैं जिनकी कंपनी को यूनिकॉर्न का स्टेटस मिल रहा है।

सिंगापुर में हैं हेडक्वार्टर
र्इ-काॅमर्स कंपनी जीलिंगो का मौजूदा समय में हेडक्वॉर्टर सिंगापुर में है। कंपनी की टेक टीम बेंगलुरु से काम देखती है। यहां पर कंपनी के दूसरे को-फाउंडर आैर आईआईटी गुवाहाटी से पढ़ार्इ करने वाले ध्रुव कपूर कामकाज संभालते हैं। उनके पास करीब 100 लोगों की टीम हैं। अब जीलिंगो भारतीय उद्यमी द्वारा चलाई जा रही सफल कंपनियों से एक बन चुकी है। इस स्टार्टअप ने अपनी वैल्यू में से 306 मिलियन डॉलर सिर्फ फंडिग से जुटाए थे।

सिंगापुर घूमने गर्इ थी आैर आया बिजनेस का आइडिया
इकोनाॅमिक्स आैर मैथ्स से ग्रेजुएट करने वाली अंकिति ने 2012 में मुंबई स्थित सेंट जेवियर कॉलेज से पढ़ार्इ पूरी की। बकौल अंकिति वो छुट्टियों में बैंकाॅक घूमने गर्इ थी। जहां उन्होंने वहां के लोगों में फैशन के बीच फैशन के लिए प्यार देखा। जिसके उन्हें यहां पर फैशन से जुड़े र्इ-काॅमर्स कंपनी खोलने का प्लान बनाया। कंपनी खुलने के बाद यह ब्रांड थाइलैंड, इंडोनेशिया और फिलिपींस में भी मशहूर हो गया।

अमेजन आैर फ्लिपकार्ट के चलते नहीं में इंडिया में नहीं
2014 में ध्रुव से मिलने के बाद अंकीति ने इस बिजनेस के बारे में सोचा। अपने स्टार्टअप के लिए उन्होंने भारत को ना चुनकर सिंगापुर को चुना। इस बारे में उन्होंने बताया कि भारत में फ्लिपकार्ट आैर अमेजन जैसी बड़ी कंपनियां थी। ध्रुव आैर अंकीति ने साउथ र्इस्ट एशिश की मार्केट में रिसर्च में पाया कि वहां पर एेसी कोर्इ कंपनी नहीं है। जिसके बाद 2015 में जीलिंगो कंपनी मार्केट आर्इ। अंकिति ने बताया कि इस फील्ड में महिलाओं की काफी कमी है। उन्होंने बताया कि उनकी यात्रा में कर्इ पुरुषों ने मदद की।

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