अरुण जेटली ने किया ट्वीट
केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने ट्वीट कर लोगों को बताया कि भारत में दोषियों को सजा मिलने की बेहद खराब दर का एक कारण जांच और पेशेवर रवैये पर दुस्साहस एवं प्रशंसा पाने की आदत का हावी हो जाना है। साथ ही उन्होंने कहा कि पेशेवर जांच और जांच के दुस्साहस में थोड़ा ही अंतर है।
चंदा कोचर मामले के एक दिन बाद किया ट्वीट आपको बता दें कि जेटली ने ये ट्वीट चंदा कोचर मामले के ठीक एक दिन बाद ही किया है। साथ ही उन्होंने ट्वीट में लिखा कि मैं भारत से हजारों किलोमीटर दूर बैठा हुआ हूं और मैं जब आईसीआईसीआई मामले में के बारे में पढ़ता हूं तो मेरे दिमाग में इस समय सिर्फ एक ही बात आती है कि लक्ष्य पर ध्यान देने के बजाय अंतहीन यात्रा का रास्ता क्यों चुना जा रहा है? और अगर हम बैंकिंग उद्योग में हर किसी को बिना किसी सबूत के जांच में शामिल करने लगेंगे तो इससे हमें कुछ भी हासिल नहीं होगा और हो सकता है कि हमको ही नुकसान उठाना पड़े।
एजेंसी को दी सलाह
उन्होंने जांच एजेंसी को सलाह दी और ट्विटर पर लिखा- दुस्साहस से बचे और महाभारत में जो अर्जुन को सलाह दी गई है कि सिर्फ मछली की आंख पर फोकस करें, उसी को फॉलो करें। आपको बता दें कि अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को जानकारी देते हुए बताया कि चंदा कोचर के कार्यकाल के दौरान बैंक द्वारा वीडियोकॉन समूह को 1,875 करोड़ रूपए के ऋणों को मंजूरी देने में कथित अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के सिलसिले में यह मामला दर्ज किया है।
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