scriptविजय माल्या से वसूली को लेकर बैंकों को लग सकता है झटका, नया कानून बनेगा अड़ंगा | Banks may face probelm in money recovery from Vijay Mallya | Patrika News

विजय माल्या से वसूली को लेकर बैंकों को लग सकता है झटका, नया कानून बनेगा अड़ंगा

locationनई दिल्लीPublished: Jul 09, 2018 12:56:47 pm

Submitted by:

Ashutosh Verma

विजय माल्या पर शिकंजा कसने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (र्इडी) अब फ्यूजिटिव इकोनाॅमिक आॅर्डिनेंस का इस्तेमाल कर सकता है। हालांकि र्इडी के इस कदम से माल्यों से कर्ज वसूली को लेकर देश के कर्इ बड़े बैंकों काे तगड़ा झटका लग सकता है।

Vijay Mallya

विजय माल्या से वसूली को लेकर बैंकों को लग सकता है झटका, नया कानून बनेगा अड़ंगा

नर्इ दिल्ली। करीब 9 हजार करोड़ रुपये के लोन डिफाॅल्ट के बाद विदेश में मौज काट रहे शराब कारोबारी विजय माल्या से कर्ज वसूलने को लेकर एक नया पेंच फंस सकता है। विजय माल्या पर शिकंजा कसने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (र्इडी) अब फ्यूजिटिव इकोनाॅमिक आॅर्डिनेंस का इस्तेमाल कर सकता है। हालांकि र्इडी के इस कदम से माल्यों से कर्ज वसूली को लेकर देश के कर्इ बड़े बैंकों काे तगड़ा झटका लग सकता है। र्इटी के मुताबिक नया कानून किसी दिवानी मामले की तुलना में सरकार की बकाया रकम को तरजीह देता है।


र्इडी कर सकता माल्या की संपत्तियों पर दावा

बता दें कि विजय माल्या ने कर्नाटक हार्इकोर्ट में एक याचिका दायर कर कहा है कि र्इडी के तरफ से जो परिसंपत्तियां जब्त की गर्इं है, उसे बेचकर बैंकों को बकाया रकम चुकाया जाए। अभी हाल ही में ब्रिटिश अदालत ने माल्या की प्राॅपर्टी की तलाश कर उसे जब्त करने को कहा है। अदालत ने अपने अादेश में भारतीय बैंको को इसकी अुनमति दे दी है। लेकिन भारतीय बैंकों को अब इस बात का डर है कि माल्या के इन संपत्तियों पर र्इडी दावा कर सकता है। एक लाॅ फर्म केसर दास के मैनेजिंग पार्टनर सुमंत पात्रा ने र्इटी को बताया कि इस बात की आशंका है कि यदि र्इडी माल्या के कुछ विदेशी संपत्तियों को जब्त करता है तो बैंक उससे वसूली नहीं कर सकेंगे। हालांकि कानूनी तौर पर देखें तो इसमें बैंकों का पक्ष मजबूत है लेकिन इस मुद्दे को लेकर अभी आैर स्पष्टता की आवश्यकता है।


भारतीय अदालत को ब्रिटिश अदालत ने ठहराया था सही

आपकाे बता दें कि मर्इ माह में ब्रिटिश अदालत ने अपने फैसले में अपने अादेश को पलटने से साफ इंकार कर दिया था। इस आदेश में अदालत ने विजय माल्या के परिसंपत्तियों को फ्रीज करने काे कहा था। इसके साथ अदालत ने भारतीय अदालत के उस फैसले को भी वाजिब ठहराया था। भारतीय अदालत ने अपने आदेश में बैंकों को अपनी बकाया रकम वसूलने का अधिकार दिया था।


संपत्ति बेचने के बाद सरकारी खाते में जमा हो सकता है पैसा

इस मामले पर कुछ जानकारों का कहना है कि माल्या पर मनी लाॅड्रिंग का आरोप बनने पर ये मामला आपराधिक हो जाता है जो कि पूरी तरफ से र्इडी आैर केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआर्इ) के अधिकार क्षेत्र में आता है। अौर माैजूदा नियामें के तहत र्इडी के तरफ से जब्त प्राॅपर्टी को बेचने पर जो रकम इक्ट्ठा वो सरकारी खाते में जमा कराया जा सकता है।


माल्या ने खत लिखकर किया था शिकायत

याद दिला दें कि बीते 26 जून को माल्या ने कहा था कि मैंने आैर यूनाइटेड ब्रेवरेज होल्डिंग्स लिमिटेड ने कार्नाटक हार्इकोर्ट में 22 जून को एक आवेदन किया है। इस आवेदन में उन्होंने 13,900 करोड़ रुपये की परिसंपत्तियों की जानकारी दी है, जिन्हें बेचकर बकाया रकम जुटाया जा सकता है। माल्या ने कोर्ट से अनुमति मांगा था कि इन परिसंपत्ति को बेचकर सरकारी बैंकों सहित क्रेडिटर्स की बकाया रकम चुकाया जा सके। इसके साथ माल्या ने इस बात की शिकायत भी की थी जिसमें उसने कहा था कि उसे राजनीतिक द्वेष का शिकार बनाया गया है।

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