दिवालिया हो सकती है कंपनी बिड़ला ने साफ संकेत दे दिया है अब बिड़ला ग्रुप वोडाफोन-आइडिया में कोई निवेश नहीं करेगा। बिड़ला ने आगे कहा कि अच्छे रुपये को बुरे रुपये में निवेश का कोई मतलब नहीं है। सरकारी राहत नहीं मिलने पर कंपनी के कदम के सवाल पर बिड़ला ने कहा कि हम अपनी दुकान बंद कर देंगे। उन्होंने कहा कि राहत नहीं मिलने की स्थिति में कंपनी दिवालिया प्रक्रिया का रास्ता अपनाएगी।
टैरिफ बढ़ाने के फैसले से भी नही बनी बात बीते 3 दिसंबर से वोडाफोन-आइडिया ने अपने प्रीपेड शुक्ल को 42 फीसदी तक बढ़ा दिया था। लेकिन मामला इससे भी नही बन पा रहा है। क्योंकि टैरिफ बढ़ाकर भी कंपनी उतना रेवेन्यु नही जुटा सकेगी जितनी चाहिए। दरअसल एजीआर यानी ( Adjusted Gross Revenue ) विवाद में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद टेलीकॉम कंपनियों की मुश्किलें और बढ़ गईं। पहले से ही घाटे की मार झेल रही Vodafone-Idea की मुश्किलें इससे और बढ़ गई है।
जुलाई-सितंबर तिमाही में 50,921 कोरोड़ का नुकसान कंपनी को जुलाई-सितंबर तिमाही में 50,921 कोरोड़ रुपए का नुकसान झेलना पड़ी जो किसी भी भारतीय कंपनी के लिए एक तिमाही में होनेवाला सबसे बड़ा नुकसान है। कुमार मगंलम बिड़ला के बयान के बाद वोडाफोन आइडिया के शेयर में गिरावट दर्ज की गई। हफ्ते के आखिरी कारोबारी सत्र में कंपनी के शेयर करीब 6 फीसदी की गिरावट पर बंद हुए।