पंकज एक मिडल क्लास फैमिली से आते हैं और मिडल क्लास फैमिली में बिजनेस करने का फैसला लेना आसान नहीं हैं। क्योंकि बिजनेस ना चलने का भी रिक्स होता हैं ऐसे में पैसे डूब जाने का डर होता हैं। इसलिए मिडल क्लास फैमिली में बिजनेस करना अच्छा नहीं माना जाता है और नौकरी को ज्यादा प्राथमिकता दी जाती हैं। ऐसे में पंकज के लिए नौकरी छोड़कर बिजनेस करने का फैसला लेना आसान नहीं था। लेकिन अपनी काबिलियात के दम पर आज पंकज ने ये कमाल दिखाया हैं।
पंकज ने तकरीबन तेरह साल पहले अपने दोस्त की मदद से ‘क्रिएटिव फिंगर्स’का करोबार शुरु किया था। 2005 में जब पंकज ने बिजनेस करने का मन बनाया तब पंकज के पास बिजनेस करने के लिए पैसे नहीं थे। तब पंकज ने अपने दोस्त से कम्प्यूट उधार लिया। फिर पंकज के सामने एक और परेशानी आ कर खाड़ी हो गई की काम कैसे शुरु करे क्योंकि पंकज के पास काम शुरु करने के लिए कोई ठिकाना ही नहीं था। इसके लिए भी पंकज ने अपने दोस्त से मदद ली। पंकज के दोस्त ने बिना किराए का एक ऑफिस पंकज को दिला दिया। तकरीबन एक हफ्ते बाद जाकर पंकज को सिर्फ साढ़े छह सौ रुपए का एक अदद ऑर्डर मिला।
इसके बाद पंकज ने लोगों को अपनी कंपनी से जोड़ने का तरीका निकाला।पंकज ने जोरो-शोरो से अपनी कंपनी का ऑनलाइन प्रोमोशन करना शुरु कर दिया। पंकज का ये तरीका काम कर गया। कुछ समय के बाद तेजी से लोग पंकज की कंपनी से जुड़ने लगे। पहले साल तो पंकज की कंपनी का टर्नओवर चार लाख तक ही रहा। लेकिन पंकज ने हार नहीं मानी और मेहनत करते रहे फिर चार साल बाद पंकज की कंपनी का टर्नओवर 2.5 करोड़ रुपए तक पहुंच गया।
फिर पांचवें साल एक वक्त ऐसा आया, जब मंदी के कारण उनका बिजनेस लड़खड़ाने लगा। काम ठप होने का डर सताने लगा लेकिन उन्होंने अपने कदम पीछे नहीं खींचे। काम पर जमे रहे। वर्ष 2012 आते-आते उम्मीदें एक बार फिर परवान चढ़ने लगीं। दो-तीन साल के भीतर ही बिजनेस में पचीस प्रतिशत तक उछाल आ गया। इस वक्त पंकज की कंपनी से पांच सौ से ज्यादा लोग जुड़ चुके हैं।
पिछले साल कंपनी का सालाना टर्नओवर पांच करोड़ रुपए रहा था। अब पंकज अपनी कंपनी के टर्नओवर को बीस करोड़ तक पहुंचाने में जुटे हुए हैं। फिलहाल वह अपनी कंपनी की दस प्रतिशत मालिकाना हक साझा करने के साथ ही बिजनेस में इजाफे के लिए दो करोड़ रुपए जुटाने में व्यस्त हैं। पंकज का कहना है की अब तो मोदी सरकार ने बिजनेस करना काफी आसान कर दिया हैं। लेकिन मेरे समय में ये इतना आसान नहीं था।