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विजय माल्या के लुक आउट नोटिस पर बड़ा खुलासा, इसलिए सीबीआर्इ ने बदला था एलओसी

Published: Sep 19, 2018 07:21:26 am

Submitted by:

Saurabh Sharma

भगोड़े व्यापारी विजय माल्या को हवाई अड्डों पर गिरफ्तार करने के लिए उसके खिलाफ जारी पहले लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) को बदल दिया गया था क्योंकि उसकी गिरफ्तारी के लिए पर्याप्त कारण नहीं थे।

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विजय माल्या के लुक आउट नोटिस पर बड़ा खुलासा, इसलिए सीबीआर्इ ने बदला था एलओसी

नई दिल्ली। भगोड़े व्यापारी विजय माल्या को हवाई अड्डों पर गिरफ्तार करने के लिए उसके खिलाफ जारी पहले लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) को बदल दिया गया था क्योंकि उसकी गिरफ्तारी के लिए पर्याप्त कारण नहीं थे। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के एक सूत्र ने मंगलवार को यह जानकारी दी। सूत्र ने कहा, “वह संसद का सदस्य था और उसके खिलाफ कोई गिरफ्तारी वारंट नहीं था। ऐसे में एजेंसी को एलओसी में ‘गिरफ्तारी’ शब्द को हटाकर इसे ‘उसके विदेश जाने पर सीबीआई को सूचित करें’ से परिवर्तित करना पड़ा।”

2015 को जारी हुआ था पहला एनआेसी
सूत्र ने कहा कि माल्या तब जांच में सहयोग कर रहा था और एजेंसी बैंकों से तब भी सबूत इकट्ठा कर रही थी। इन हालात में सीबीआई अधिकारियों ने आव्रजन अधिकारियों को एलओसी में परिवर्तन करने के लिए लिखा। अब निष्क्रिय हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस के मालिक के खिलाफ पहला एलओसी 16 अक्टूबर 2015 को जारी किया गया था। दूसरा एलओसी 24 नवंबर 2015 को जारी किया गया, जिस दिन माल्या ब्रिटेन से लौटा। सूत्र ने कहा कि माल्या नोटिस जारी होने के बाद भी दस्तावेज और एजेंसी के सवालों के जवाब देता रहा।

2016 में लंदन फरार
उन्होंने कहा कि नए एलओसी के जारी होने के बाद माल्या तीन बार पूछताछ के लिए आया और चार बार विदेश यात्रा पर गया। माल्या दो मार्च, 2016 को देश छोड़कर चला गया। उस पर 9,000 करोड़ रुपये का कर्ज लेकर बैंकों को धोखा देने का आरोप है। माल्या फिलहाल लंदन में है जहां एक अदालत ने भारत द्वारा दायर उसके प्रत्यर्पण के मामले की सुनवाई खत्म की है और अपना फैसला 10 दिसम्बर के लिए सुरक्षित रखा है।

जेटली से मुलाकात पर हुआ था बवाल
हाल ही में विजय माल्या ने बयान दिया था कि उन्होंने लंदन जाने से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की थी। साथ ही उसने यह भी कहा था कि वो कि बैंकों के साथ सेटलमेंट करने के बाद यहां से जाना चाहता है। इस बयान के बाद देशभर में हंगामा हुआ था। केंद्र सरकार पर आरोप लगा था कि उनकी ही मिलीभगत से विजय माल्या देश छोड़ने में कामयाब हुआ है। जिसके बाद भाजपा के कर्इ नेताआें ने इस पर सफार्इ भी दी थी।

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