पत्र बुधवार को बिजनस राउंड टेबल नाम के संगठन ने भेजा। यह वॉशिंगटन का एक ग्रुप है जिसमें यूएस के प्रमुख कार्यकारी लोग मौजूद हैं। पत्र में प्रमुखता से हाइ स्किल इमिग्रेशन में हुए बदलावों को उठाया गया है। सीईओ मुताबिक नए नियमों के चलते अमेरिका के आर्थिक नीति में अस्थिरता बढ़ेगी। अगर H-1B VISA में बदलाव होतें है तो एच-1 बी वीजा पर काम करने वाले पांच लाख भारतीय अपने भविष्य को लेकर आशंकाओं में घिर गए हैं।
इन सीईओ ने लिखा है कि हम मानते हैं कि ऐसे बदलावों को करने से बचना चाहिए जिसकी वजह से यूएस में रह रहे हजारों हुनरमंद कर्मचारियों और कानून का पालन कर रहे लोगों को परेशानी हो। इसका गहरा असर अमेरिकी प्रतिस्पर्धा पर भी पड़ता है। पत्र में स्कील्ड फॉरन वर्कर्स के आवेदनों पर जिस तरीके का रवैया अपनाया जा रहा है उसपर भी सवाल उठाए हैं।
अमेरिका के इमिग्रेशन ऐंड नैशनलिटी ऐक्ट के सेक्शन 101(a)(15)(H) के तहत H-1B वीजा जारी किया जाता है। इसके तहत अमेरिकी कंपनियां विशेषज्ञता श्रेणी में किसी विदेशी कामगार को वीजा देती हैं। इस वीजा को हासिल करने के लिए अभ्यर्थी को कम-से-कम ग्रैजुएट होना जरूरी है।