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10 लाख रुपए लेकर युवाओं को थमाए फर्जी नियुक्ति पत्र, ONGC में नौकरी का दिया था झांसा

locationनई दिल्लीPublished: May 20, 2018 05:30:01 pm

Submitted by:

Manoj Kumar

इस रैकेट का पर्दाफाश तब हुआ जब बड़ी संख्या युवा नियुक्ति पत्र लेकर नौकरी ज्वाइनिंग के लिए ONGC के मुख्यालय पहुंचे।

ONGC

10 लाख रुपए लेकर युवाओं को थमाए फर्जी नियुक्ति पत्र, ONGC में नौकरी का दिया था झांसा

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने एक एेसे रैकेट का पर्दाफाश किया है जो ऑयल एंड नेचुरल गैस कारपोरेशन (ONGC) में नौकरी के नाम पर युवाओं से पैसे लेकर उन्हें फर्जी नियुक्ति पत्र दे रहा था। इस रैकेट का पर्दाफाश तब हुआ जब बड़ी संख्या युवा नियुक्ति पत्र लेकर नौकरी ज्वाइनिंग के लिए ONGC के मुख्यालय पहुंचे। ONGC की जांच में इन नियुक्ति पत्रों के फर्जी पाए जाने के बाद दिल्ली पुलिस से शिकायत की गई। जांच में सामने आया कि युवाओं से 10-10 लाख रुपए लेकर उन्हें फर्जी नियुक्ति पत्र थमा दिए गए। यह मामला बीते सोमवार प्रकाश में आया है।
मंत्रालय कोटा के तहत नौकरी का झांसा

जांच के दौरान सामने आया कि युवाओं को मंत्रालय के कोटा के तहत नौकरी का झांसा दिया गया। इसके बदले युवाओं से 10-10 लाख रुपए लिए गए। दिल्ली पुलिस के अनुसार इन युवाओं से हैदराबाद में प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से संपर्क किया गया। इसके बाद आरोपी ने कृषि भवन में सभी युवाओं के इंटरव्यू लिए। ONGC के अधिकारियों ने दिल्ली पुलिस को बताया कि हैदराबाद के दो उम्मीदवार 7 मार्च 2018को दिल्ली कार्यालय पहुंचे। उन्होंने ONGC के आंध्र प्रदेश के काकीनाडा में स्नातक अभियंता प्रशिक्षुओं के पद पर नियुक्ति के पत्र दिखाए।
जांच में फर्जी निकले नियुक्ति पत्र

ONGC अधिकारियों के अनुसार जांच के दौरान दोनों उम्मीदवारों के नियुक्ति पत्र फर्जी निकले। बाद में ONGC के सतर्कता विभाग ने दोनों उम्मीदवारों से संपर्क किया। इन दोनों ने बताया कि उन्हें हैदराबाद की प्लेसमेंट एजेंसी ने नौकरी का वादा किया था। अप्रैल 2017 में दिल्ली में एजेंसी के एक एजेंट ने मंत्रालय में कोटे के तहत नौकरी का वादा किया। एजेंट ने उम्मीदवार को बताया कि उसका भाई ONGC में काम करता है। एक अंग्रेजी समाचार पक्ष के अनुसार एक उम्मीदवार ने बताया कि उनके पास ONGC एचआर विभाग की ई-मेल आईडी ‘hrd.ministry@ongc.co.in’ से एक ई-मेल मिला।

ई-मेल पर मिली इंटरव्यू की सूचना
उम्मीदवार के अनुसार कुछ दिनों बाद उन्हें ई-मेल के जरिए सहायक कार्यकारी अभियंता पद के लिए इंटरव्यू की सूचना दी गई। दोनों को 24 अगस्त को ‘भर्ती कक्ष, ओएनजीसी, कृषि भवन’ में रिपोर्ट करने का निर्देश दिया गया था। इन दोनों के अलावा चार और उम्मीदवारों को इंटरव्यू के लिए बुलाया गया था। चार दिन बाद दोनों को प्रति वर्ष 3फीसदी वेतन वृद्धि के साथ 24,000-50,500 रुपए के वेतन ग्रेड पर चयन की पुष्टि ई-मेल के जरिए की गई।
मंत्रालय के भीतर ही सक्रिय है नौकरी माफिया

पुलिस के अनुसार ONGC की सतर्कता जांच में सामने आया कि नियुक्ति पत्र पर एचआर विभाग के अधिकारियों के समान ही हस्ताक्षर थे, लेकिन वे मानक के अनुरूप नहीं थे। कंपनी के अधिकारियों ने दिल्ली पुलिस से की शिकायत में कहा है कि यह नौकरी माफिया मंत्रालय के अंदर ही सक्रिय है। कंपनी अधिकारियों ने कहा है कि जांच के दौरान सामने आया कि सत्यापन के लिए जिस लैंडलाइन नंबर का इस्तेमाल किया गया, वह कृषि भवन के ग्रामीण विकास मंत्रालय से संबंधित है। दिल्ली पुलिस का कहना है कि आरोपी प्लेसमेंट एजेंसी बंद हो गई है। साथ ही नौकरी माफिया की ओर से इस्तेमाल किए गए फोन नंबर भी सक्रिय नहीं हैं।

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