इस संदर्भ में एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि, ‘हमने पैसों की हेराफेरी को लेकर कोचर दंपत्ति, उनके रिश्तेदारों और उनके कुछ सहयोगियों से पूछताछ की है। पूछताछ और छापेमारी के दौरान जब्त किए गए कुछ दस्तावेजों से हमारे हाथ कुछ अहम सुराग लगे हैं, जिससे यह संकेत मिलता है कि रिश्वत में मिले पैसे टैक्स हेवन में जमा कराए गए।’ हालांकि अधिकारी ने कहा कि टैक्स हेवन के नाम का खुलासा नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा, ‘हम सूचना की प्रामाणिकता की पुष्टि करने का प्रयास कर रहे हैं। नाम का खुलासा करने से जांच में बाधा पहुंचेगी।’
वीडियोकॉन ने आईसीआईसीआई बैंक से मिले 3250 करोड़ के लोन में से 64 करोड़ रुपए चंदा कोचर के पति दीपक कोचर की कंपनी नु पॉवर में लगाए थे। ईडी अब दोनों कंपनियों और दीपक कोचर की कंपनी के बीच मनी ट्रेल की जांच कर रही है। ईडी ने इस बात की पुष्टि की है कि चंदा कोचर और उनके परिवार को लोन ऑफर्स के बदले में 500 करोड़ घूस दी गई। 3250 करोड़ के लोन के मामले में ईडी ने चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर और वीडियोकॉन के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत से पिछले सप्ताह तीन दिनों तक पूछताछ की। अब ईडी उन कंपनियों की लिस्ट जुटा रहा है जिन्हें चंदा कोचर के कार्यकाल के दौरान लोन का ऑफर मिला था।
ईडी के अनुसार दीपक कोचर की न्यूपावर रीन्यूएबल्स प्राइवेट लिमिटेड (NRPL) को 2010 में 64 करोड़ रुपए वेणुगोपाल धूत की एक शेल कंपनी जरिए मिले, जिसके एवज में आईसीआईसीआई ने 2009 और 2011 के दौरान धूत की कंपनी को 1575 करोड़ का लोन मिला। इसके बाद 2010 में नुनिशांत कनोडिया की मॉरिशस की कंपनी फर्स्ट लैंड ने भी नु पॉवर में 325 करोड़ रुपए निवेश किए। बता दें कि निशांत कनोडिया एस्सार ग्रुप के प्रमोटर रवि रुईया के दामाद हैं। इस क्रम में एस्सार ग्रुप को भी आईसीआईसीआई ने कर्ज दिया। जो अब एनपीए हो चुका है।
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