scriptGoogle पर यूरोपीय संघ ने लगाया 34308 करोड़ रुपए का जुर्माना | European union imposes penalty of Rs 34,308 crores on Google | Patrika News

Google पर यूरोपीय संघ ने लगाया 34308 करोड़ रुपए का जुर्माना

locationनई दिल्लीPublished: Jul 19, 2018 09:28:00 am

Submitted by:

Manoj Kumar

गूगल पर आरोप है कि उसके एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम को सर्च इंजन के फायदे के लिए गैरकानूनी तरीके से इस्तेमाल किया है।

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नियमों के उल्लंघन का मामला, गूगल पर लगा अब तक का सबसे बड़ा जुर्माना

नई दिल्ली। कारपोरेट जगत में आइडिया चोरी करना का मामला नया नहीं है। इन मामलों में कई बार कंपनियों पर कार्रवाई भी चुकी है। अब एेसे ही एक मामले में सर्च इंजन गूगल पर अब तक का सबसे बड़ा जुर्माना लगा है। यह जुर्माना एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम का गैरकानूनी तरीके से इस्तेमाल करने पर लगा है। खबरों के अनुसार यूरोपीय यूनियन ने इस मामले में गूगल पर 4.34 बिलियन यूरो यानी करीब 34308 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। गूगल पर आरोप है कि उसके एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम को सर्च इंजन के फायदे के लिए गैरकानूनी तरीके से इस्तेमाल किया है। खबरों के अनुसार यूरोपीय यूनियन के कमिश्नर मारग्रेथ वेस्टेजर ने कहा है कि गूगल की ओर से उठाया गया यह कदम यूरोपीय यूनियन के ऐंटीट्रस्ट नियमों के हिसाब से गलत है। खबरों में कहा गया है कि यूरोपीय यूनियन ने गूगल को इसे 90 दिनों के अंदर बंद करने को कहा है। यदि गूगल एेसा नहीं करता तो अल्फाबेट की रोज होने वाली आमदनी के 5 फीसदी जुर्माने के तौर पर जमा करना होगा।
फैसले के खिलाफ अपील करेगा गूगल

यूरोपीय यूनियन के इस फैसले का गूगल ने विरोध किया है। गूगल का कहना है कि ईयू के इस फैसले के खिलाफ अपील की जाएगी। गूगल के प्रवक्ता अल वर्नी का कहना है कि हमने लोगों को ज्यादा से ज्यादा विकल्प देने के लिए एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम को अपनाया था। गूगल प्रवक्ता का कहना है कि इससे रैपिड इनोवेशन और अच्छी सुविधाएं कम कीमत पर मिल रही हैं। आपको बता दें कि इससे पहले भी यूरोपीय यूनियन गूगल पर 2.4 अरब डॉलर का जुर्माना लगा चुका है। जानकारों का मानना है कि यूरोपीय यूनियन के इस फैसले से ट्रेड वॉर एक बार फिर बढ़ सकता है।
सुंदर पिचाई को दी फैसले की जानकारी

खबरों के अनुसार, यह फैसला सुनाने से पहले यूरोपीय यूनियन के कमिश्नर वेस्टेजर ने गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई से फोन पर बात की और अपने फैसले की जानकारी दी। कमिश्नर ने कहा है कि गूगल फोन बनाने वाली कई कंपनियों पर पहले से ही गूगल क्रोम ब्राउजर इंस्टॉल करने के लिए दबाव डालता है। कमिश्नर ने यह भी आरोप लगाया है कि गूगल एेसा करने के लिए फोन कंपनियों को पैसा भी देता है। आपको बता दें कि यूरोपीय यूनियन के देशों में वेस्टेजर को उनके फैसले के लिए काफी प्रशंसा मिलती है।
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