ये है कंपनी का प्लान
जकरबर्ग ने कहा कि उन्होंने अपने सिस्टम की ओवरहॉलिंग के लिए कई साल का प्लान बनाया है और उसे लागू करन के लिए रोडमैप तैयार किया है। उन्होंने कहा कि हमें सुनिश्चित करना है कि लोगों का अपनी सूचनाओं पर कंट्रोल हो और उनकी सेवाओं से लोगों को फायदा हो। हालांकि इसका यह मतलब नहीं कि फेसबुक अपने प्लेटफॉर्म पर हर बैड फैक्टर या बैड कंटेंट का पता लगाएगी। गौरतलब है कि फेसबुक 2018 में कैम्ब्रिज एनालिटिका डेटा स्कैंडल में फंस गई थी।
कुछ समस्याओं का हल कभी नहीं निकाला जा सकता
यूजर्स के पर्सनल डेटा की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए और कंपनी के प्रोग्रेस के संदर्भ में जकरबर्ग ने कहा कि, ‘भले ही कंपनी के लिए गलत जानकारियों और यूजर्स का पर्सनल डेटा सुरक्षित करने के लिहाज से बीता एक साल मुश्किल भरा रहा है, इसके बावजूद हम अपनी प्रोग्रेस पर गर्व करते हैं। इन दिक्कतों का हल निकालना स्पष्ट तौर पर एक साल से ज्यादा लंबा चैलेंज है। इलेक्शन में दखल या नफरत भरे भाषण (hate speech) जैसी कुछ समस्याओं का पूरी तरह हल कभी नहीं निकाला जा सकता।’
भारत में 40 फीसदी बढ़ा कंपनी का नेट प्रॉफिट
गौरतलब है कि जहां एक ओर फेसबुक के खिलाफ डेटा लीक का केस चल रहा है, लोग कंपनी का विरोध कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर भारत में फिसबुक का नेट प्रॉफिट 40 फीसदी बढ़ा है। फेसबुक का कुल मुनाफा 57 करोड़ रुपए रहा। ऐसा मुख्य रूप से देश में डेटा कॉस्ट में आई गिरावट से सोशल मीडिया के बढ़ते प्रयोग की वजह से हुआ।
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