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भारत के कॉरपोरेट से ज्यादा उद्यमी हैं किसान, खोमचावाले : देबरॉय

locationनई दिल्लीPublished: May 12, 2018 12:01:27 pm

Submitted by:

Saurabh Sharma

नीति आयोग के सदस्य देबरॉय ने भारतीय शिक्षा प्रणाली में उद्यमिता के लिए सक्षम वातावरण मुहैया करवाने की जरूरत बताई।

Debroy

नई दिल्‍ली। देश का कॉरपोरेट सेक्‍टर काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है। देश के प्रधानमंत्री दूसरे देशों में जाकर भारतीय कॉरपोरेट सेक्‍टर का गुणगान करते थकते नहीं है। जब भी पीएम किसी किसी इकोनॉमिक मीट में जाते हैं तो अपने साथ कॉरपोरेट से जुड़े लोगों को साथ लेकर जाते हैं। लेकिन शुक्रवार को पीएम के एक खास ने ऐसा बयान दिया है, जिससे पीएम मोदी भी एक बार सोचने पर मजबूर हों जाएंगे। उन्‍होंने इंडियन कॉरपोरेट की तुलना ने किसानों और खोमचेवालों से की है। आइए आपको भी बताते हैं कि किसने क्‍या कहा है?

किसान और खोमचेवाले ज्‍यादा इंटरप्रेन्‍योर
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाकार परिषद के अध्यक्ष बिबेक देबरॉय ने शुक्रवार को कहा कि भारत के छोटे किसान और गलियों के खोमचावाले देश के कॉरपोरेट सेक्टर से कहीं ज्यादा उद्यमशील हैं। आईएमआई कोलकाता के छठे दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए देबरॉय ने कहा, “उद्यमिता सिखाई नहीं जा सकती है, लेकिन हुनर सिखाया जा सकती है। मैं आपको बताऊं कि भारत का कॉरपोरेट सेक्टर जितनी उद्यमशीलता दिखाते हैं उससे कहीं ज्यादा उद्यमशील छोटे किसान हैं। मैं आपको याद दिलाऊं कि भारत की गलियों में गरीब खोमचावाले देश के कॉरपोरेट सेक्टर से कहीं ज्यादा उद्यमी हैं।”

95 फीसदी उद्यमी प्रयास विफल
उन्होंने कहा कि नाकामयाब को प्रोत्साहित किए बगैर उद्यमिता को प्रोत्साहन नहीं दिया जा सकता है। देबरॉय ने कहा, “हम उद्यमिता की सफलता के बार में सोचते हैं जबकि 95 फीसदी उद्यमी प्रयास विफल हो जाते हैं।” नीति आयोग के सदस्य देबरॉय ने भारतीय शिक्षा प्रणाली में उद्यमिता के लिए सक्षम वातावरण मुहैया करवाने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा, “जब प्रधानमंत्री स्टार्ट-अप इंडिया की बात करते हैं तो इसमें कॉरपोरेट सेक्टर की बात नहीं होती है बल्कि उद्यमिता की बात होती है।”

153 साल लगेंगे
उन्होंने 1991 में भारत में उदारीकरण का दौर आने के बाद अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) द्वारा जारी एक रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि रिपोर्ट में कहा गया कि भारत जैसे देश को विकसित देशों की प्रति व्यक्ति आय के आधे के अंतर को पूरा करने में 153 साल लग जाएंगे। उन्होंने कहा, “पिछले कुछ दशकों से जो सीख मिली है वह यह है कि 153 साल तक इंतजार करने की जरूरत नहीं है।”

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