सेबी के आदेश के बाद शुरू हुई थी कानूनी कार्रवाई
फोर्टिस हेल्थेकयर ने भारतीय प्रतिभूति और विनियम बोर्ड से इन मामलों पर व्यक्तिगत रूप से सुनवाई करने की भी मांग की है। इस पर फोर्टिस हेल्थेकयर लिमिटेड के चेयरमैन रवि राजागोपाल ने कहा, “सेबी द्वारा अक्टूबर 2018 व फिर दिसंबर 2018 में आदेश मिलने के बाद हमने रिकवरी के लिए कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी थी। कंपनी की तरफ से सभी 9 पार्टियों को नोटिस भेजा जा चुका है।” 18 जनवरी 2019 को फोर्टिस को रकम जाम करने की तारीख एक्सपायर हो चुकी है। 13 फरवरी को फोर्टिस ने सेबी को एक याचिका दायर किया था ताकि कानूनी कार्रवाई शुरू किया जा सके। यह कार्रवाई सिंह ब्रदर्स व अन्य ईकाईयों के खिलाफ होनी है।
फोर्टिस को रिकवर करनी है 472 करोड़ रुपए
राजागोपल के मुताबिक, कंपनी बाजार नियामक से सिंह ब्रदर्स को कंपनी के प्रोमोटस के तौर पर भी अलग करने वाली मंजूरी का इंतजार कर रही है। उन्होंने आगे कहा कि फोर्टिस के पहले बोर्ड का संबंध दोनों भाइयों से था आैर 472 करोड़ रुपए की रिकवरी के लिए लाॅ फर्म लुथरा एंड लुथरा की मदद ली जा रही थी। लाॅ फर्म की रिपोर्ट के बाद कंपनी ने कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया को शुरू कर दिया था। कंपनी ने कहा कि उसने सेबी, SFIO को अपनी रिपोर्ट जमा कर दी है।
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