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बाबा और पैसे के खेल में फंसे दो कारोबारी भाई,छोटे भाई ने बड़े के साथ किया ये काम

locationनई दिल्लीPublished: Sep 05, 2018 10:25:45 am

Submitted by:

manish ranjan

एक बाबा के चक्कर में पड़कर अपने 22,500 करोड़ रुपए गंवाने वाले सिंह बंधुओं के बीच दरार बढ़ती ही जा रही हैं।

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बाबा और पैसे के खेल में फंसे दो कारोबारी भाई,छोटे भाई ने बड़े के साथ किया ये काम

नई दिल्ली। एक बाबा के चक्कर में पड़कर अपने 22,500 करोड़ रुपए गंवाने वाले सिंह बंधुओं के बीच दरार बढ़ती ही जा रही हैं। ये दरार इस कदर बढ़ चुकी हैं की शिविंदर सिंह ने अपने बड़े भाई मालविंदर मोहन सिंह पर मुकदमा दायर कर दिया हैं। इतना ही नहीं शिविंदर सिंह ने अपने बड़े भाई को कारोबारी भागीदारी से भी अलग कर दिया है। फोर्टिस हेल्थकेयर के पूर्व प्रवर्तक शिविंदर सिंह ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने अपने बड़े भाई मालविंदर मोहन सिंह और रेलिगेयर के पूर्व प्रमुख सुनील गोधवानी के खिलाफ राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) में अपील की है। यह मामला आरएचसी होल्डिंग, रेलिगेयर और फोर्टिस में उत्पीड़न और कुप्रबंधन को लेकर दायर किया गया है।

बड़े भाई को कारोबारी भागीदारी से किया अलग
रैनबैक्सी के सिंह बंधु एक दशक से भी कम समय में करीब 22,500 करोड़ रुपये गंवा चुके हैं। अब पैसे के इस खेल में दोनों भाइयों में आपस ही झगड़ा शुरू हो गया है। शिविंदर सिंह ने अपने बड़े भाई मलविंदर और रेलिगेयर के पूर्व सीईओ सुनील गोधवानी को अदालत में घसीट लिया है। शिविंदर ने अपने बड़े भाई पर कई बड़े आरोप लगाये हैं। शिविंदर ने नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल में दायर मुकदमे में दोनों पर दमन करने और आरएचसी होल्ड‍िंग के कुप्रबंधन का भी आरोप लगाया है। इसी केे साथ बड़े भाई को कारोबारी भागीदारी से भी अलग कर दिया है। इस सब से ऐसा लगता है कि भारत के कॉरपोरेट जगत में एक और फैमिली वार शुरू होने जा रहा है।
बहुत समय से करना चाहते थे ये काम
शिविंदर सिंह के मुताबिक मालविंदर और गोधवानी के ने लगातार उनकी कंपनियों और शेयरधारकों के हितों को नुकसान पहुंचाया।शिविंदर सिंह का कहना है की वह लंबे समय से यह कार्रवाई करना चाहते थे लेकिन इस उम्मीद में रुके हुए थे कि अच्छे दिन जल्दी आ जांएगे और पारिवारिक विवाद का एक नया अध्याय नहीं लिखना पड़ेगा। शिविंदर ने कहा कि वह उन गतिविधियों का हिस्सा नहीं बन सकते,मनमाने ढ़ग से काम कर रही हैं। बिना ये सोचे की शेयरधारकों को कितना नुकसान हो रहा हैं। इस बारे में फिलहाल मालविंदर सिंह से कोई टिप्पणी नहीं की हैं।
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