पिछले हफ्ते जारी किया था टेंडर सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसाल एमसीएफ रायबरेली ने पिछले हफ्ते यह टेंडर जारी किया है। यह टेंडर डिजाइन, विकास, विनिर्माण, परीक्षण और एल्युमीनियम के बने यात्री डिब्बों के रखरखाव के लिए प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और विशेषज्ञता खरीद के लिए जारी की गई है। इस योजना से जुड़े सूत्रों ने बताया, हम इस तरह के डिब्बों के बाजार का हिस्सा बनना चाहते हैं। इससे हम हमारे शहरों की ही जरूरत को पूरा करने में सक्षम होंगे जो लगातार शहरों में परिवहन विकल्पों का विस्तार करते जा रहे हैं। अभी इन डिब्बों का बड़े पैमाने पर आयात किया जा रहा है। हम उन्हें बहुत कम लागत पर तैयार कर सकते हैं।
28 फरवरी को खुलेगा टेंडर सूत्रों ने बताया कि टेंडर 28 फरवरी 2019 को खुलेगा और 2021 तक हम पहला डिब्बा पेश कर सकेंगे। मौजूदा समय में कलकत्ता मेट्रो के लिए डिब्बों का निर्माण चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्टरी में किया जाता है। लेकिन एमसीएफ द्वारा उत्पादित किए जाने वाले डिब्बे डिजाइन और तकनीक के मामले में अंतरराष्ट्रीय स्तर के होंगे, जो उन्हें कई गुना उत्कृष्ट बनाएगा।
रेलवे अधिकारी ने दी जानकारी रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अभी जिन मेट्रो के डिब्बों को हम आयात करते हैं उनकी अनुमानित लागत आठ से नौ करोड़ रुपये प्रति डिब्बा होती है। जबकि स्वदेशी तौर पर बनाए जाने वाले डिब्बे की लागत सात से आठ करोड़ रुपये होती है, लेकिन यदि सही मात्रा में हमें इन डिब्बों का ऑर्डर मिलने लगे तो इनकी लागत चार से छह करोड़ रुपये आ जाएगी।
इन शहरों में होगा निर्माण आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार दिल्ली-एनसीआर, बेंगलुरू, मुंबई, लखनऊ, चेन्नई, नागपुर, पुणे, कोच्चि, अहमदाबाद, नोएडा-ग्रेटर नोएडा, हैदराबाद, जयपुर, कोलकाता और गुरुग्राम समेत कई अन्य शहरों में मेट्रो का परिचालन एवं निर्माण चल रहा है।
सस्ते होंगे ये डिब्बे ऐसे में हमें बड़ी मात्रा में मेट्रो डिब्बों की जरूरत है। सूत्रों ने बताया कि एमसीएफ में मेट्रो डिब्बों का निर्माण अंतरराष्ट्रीय स्तर के मानकों की तरह रोबोट से कराया जाएगा। यह चीन एवं अन्य देशों से आयात किए जाने वाले डिब्बों के मुकाबले 40 प्रतिशत तक सस्ते होंगे।