बीएसएनएल यूजर्स पर है खतरा
आपको बता दें कि मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, bsnl के मुख्य अधिकारियों ने दूरसंचार सचिव अरूणा सुंदरराजन के साथ मुलाकात की जिसके बाद सरकार ने यह निर्देश दिए। इस सुझाव पर अभी विचार किया जा रहा है। अगर सरकार इसको बंद करने का कदम उठाती है तो ऐसे में कर्मचारियों से लेकर बीएसएनएल के यूजर्स तक पर खतरा है।
कंपनी लगातार जा रही घाटे में
आपको बता दें कि वित्त वर्ष 2017-18 के अंत तक कंपनी का कुल घाटा 31287 करोड़ रुपए पहुंच चुका है। वहीं, अरूणा सुंदरराजन से मुलाकात के दौरान BSNL के चैयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर अनुपम श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए बताया कि कंपनी की मौजूदा स्थिति अच्छी नहीं है। सरकार ने बीएसएनएल से कहा कि उन्हें एक नोट तैयार करना होगा, जिसमें उनको कंपनी को बंद करने का कारण देना होगा।
कंपनी के कर्मचारी है बड़ी चुनौती
बीएसएनएल ने बातचीत करते हुए कहा कि दूसरी कंपनियों से प्रतिस्पर्धा के अलावा उनकी बड़ी चुनौती बड़ी संख्या में उसके कर्मचारी हैं। कंपनी ने कर्मचारियों की संख्या को कम करने के लिए वीआरएस और रिटायरमेंट की उम्र को 60 से घटाकर 58 करने का भी विचार किया। अगर ऐसा हो जाता है तो इससे उनको दी जाने वाली सैलरी से 3,000 करोड़ रुपए की बचत हो जाएगी।
पिछले तीन सालों से हो रहा घाटा
आपको बता दें कि कंपनी ने कहा है कि वह सभी विकल्पों पर तुलनात्मक विश्लेषण पेश करेगी और सरकार के निर्णय पर विचार करेगी। बता दें कि साल 2016-17 में BSNL को 4793 करोड़ का घाटा हुआ था। वहीं, कंपनी पिछले तीन सालों से काफी नुकसान उठा रही है। कंपनी ने अभी तक 2017-18 के वित्तीय परिणामों की घोषणा नहीं की है।
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