ये है पूरा प्लान दरअसल वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने औद्योगिक घरानों से बातचीत की यह पहल शुरू की है। इसके तहत एक प्रोजेक्ट मैनेजमेंट सेल का गठन किया गया है जिसमें औद्योगिक घरानों से विचार विमर्श किया जाएगा। इस योजना के तहत कंपनियों से उनके ऑपरेशन और विस्तार के बारे में जानकारी ली जा रही है। कंपनियों की ओर से उठाए गए मुद्दों को मैनेजमेंट सेल ने दूसरे मंत्रालयों और संबंधित राज्यों की सरकारों के साथ साझा किया है।
इन सेक्टर्स पर चर्चा इस पहल के तहत औद्योगिक घरानों से जिन सेक्टर्स पर बातचीत की जा रही है उनमें रिटेल, विमानन, सड़क. टेक्सटाइल, फूड प्रोसेसिंग, पर्यटन, रेलवे, खनन, वकालत शामिल है। इसलिए बनाया गया है प्लान
सरकार को उम्मीद है कि कॉरपोरेट टैक्स में कटौती के बाद कंपनियां निवेश को बढ़ावा देंगी। खासतौर पर नई मेन्युफैक्चरिंग यूनिट्स की स्थापना करेंगी। इसका कारण यह है कि तीन साल में लगने वाली नई मेन्युफैक्चरिंग यूनिट को मात्र 15 फीसदी की दर से कॉरपोरेट टैक्स देना है। निवेश को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने औद्योगिक घरानों से पांच साल के लिए निवेश प्लान और छोटी अवधि के लिए विस्तार प्लान मांगे हैं।