अधिकारी ने दी जानकारी
अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि रणनीतिक विनिवेश के लिए चयनित सार्वजनिक कंपनियों की गैर-प्रमुख संपत्तियों की बिक्री से प्राप्त धन और शत्रुओं की अचल संपत्ति की बिक्री से जुटाई गई पूंजी को ” विनिवेश से प्राप्त आय ” के रूप में माना जाएगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले सप्ताह ही रणनीतिक विनिवेश के तहत केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रम (सीपीएसई) की चिंहित गैर प्रमुख संपत्तियों और शत्रु संपत्ति संरक्षक के अधीन आने वाली अचल शत्रु संपत्ति के मौद्रिकरण के लिए व्यवस्था तैयार करने को मंजूरी दे दी है।
नीति आयोग को दी गई जिम्मेदारी
आपको बता दें कि नीति आयोग को सार्वजनिक क्षेत्र के विभिन्न केन्द्रीय उपक्रमों (सीपीएसई) की गैर-प्रमुख संपत्तियों की सूची बनाने का काम दिया गया है। अधिकारी ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि मजूबत और खराब स्थिति वाली सीपीएसई की गैर-मुख्य परिसंपत्तियों के मुद्रीकरण के तौर-तरीकों पर काम किया जा रहा है, जिससे बिक्री से प्राप्त राशि का एक हिस्सा सरकार द्वारा लाभांश के रूप में प्राप्त किया जा सके।
1.36 लाख करोड़ रुपए जुटाने का रखा लक्ष्य
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि अगले वित्त वर्ष के लिए लाभांश एवं मुनाफे के रूप में 1.36 लाख करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा है। यह 2018-19 के 1.19 लाख करोड़ रुपए से अधिक है। इस राशि में केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों से प्राप्त लाभांश के रूप में धन और रिजर्व बैंक से अधिशेष हस्तांतरण शामिल है। अधिकारी ने कहा कि एक बार गैर-प्रमुख संपत्तियों के मौद्रिकरण की प्रक्रियाको अंतिम रूप दे दिया जाए तो वास्तविक प्रक्रिया अगले वित्त वर्ष की दूसरी छमाही से शुरू हो सकती है।
( ये न्यूज एजेंसी से ली गई है। )