2013-18 के बीच 44.9 लाख करोड़ रुपए का धन सृजन
अध्ययन के अनुसार, शीर्ष 100 वेल्थ क्रिएशन कंपनियों ने 2013-18 के दौरान 44.9 लाख करोड़ रुपए का धन सृजन किया है। यह बनाया गया धन का उच्चतम स्तर है। 2013-18 के दौरान, सेंसेक्स सीएजीआर केवल 12फीसदी था, लेकिन धन निर्माण की गति 23 फीसदी सीएजीआर पर थी। यह इस बात को बल देता है कि धन सृजन सभी प्रकार की बाजार स्थितियों में होता है। इसलिए, निवेशकों को यह जानना जरूरी है कि वह बाजार में निवेश के लिए सही समय का इंतजार करने के बजाय किस शेयर में निवेश करना सही है।
पहली बार टॉप रहा एचडीएफसी बैंक
इंडियाबुल्स वेंचर्स सबसे तेज धन निर्माता
इंडियाबुल्स वेंचर्स 2013-18 के बीच सबसे तेजी से धन निर्माता के रूप में उभरी है। कंपनी के शेयरों ने 97 फीसदी सीएजीआर के साथ रिटर्न दिया है। पिछले 7 अध्ययनों में आयशर मोटर्स शीर्ष 10 सबसे तेज धन निर्माता कंपनी में शामिल है। वहीं बजाज फाइनेंस पिछले 5 में शामिल रही है। बजाज फाइनेंस शीर्ष 10 में सबसे बड़े और सबसे तेज धन सृजन करने वाली कंपनी रही है।
टाइटन लगातार धन सृजन वाली सबसे मजबूत कंपनी
पिछले 10 अध्ययनों में टाइटन शीर्ष 100 धन सृजन करने वाली कंपनियों में शामिल रही है। 10 साल की अवधि 2008 से 2018 में 33फीसदी की उच्चतम मूल्य सीएजीआर से बढ़ी है। इस मामले में यह गोदरेज से आगे रही है।
भारत सबसे बड़ा धन निर्माण देश बना
वित्तीय वर्ष 2013-18 के दौरान भारत के सबसे बड़े धन निर्माण क्षेत्र के रूप में उभरा है। इस क्षेत्र में धन निर्माण में वृद्धि निजी बैंकों और एनबीएफसी के नेतृत्व में है। वित्तीय क्षेत्र में सबसे बड़ा धन सृजन करने का असामान्य गौरव प्राप्त हुआ है निजी बैंकों और एनबीएफसी को जिनके लिए उनको धन्यवाद और सबसे बड़ा धन को हानि पहुंचाने वाले रहे हैं सरकारी बैंक।
कमजोर रहा सरकारी कंपनियों का प्रदर्शन
पांच साल में इतने रुपए का नुकसान
अध्ययन के अनुसार, 2013-18 के दौरान कुल नुकसान 4.9 लाख करोड़ रुपए है। धन नुकसान का व्यापक विषय बैंकिंग संकट (पीएसयू बैंकों के नेतृत्व में) और चक्रीय मंदी (धातु / खनन क्षेत्र के नेतृत्व में) है।