बैंक ने क्या प्रतिक्रिया दी
इसमें अप्रैल 2009 से लेकर मार्च 2018 तक उनको दी जाने वाली सुविधाएं शामिल होंगी। इस रिपोर्ट में चंदा कोचर समेत तीनों अरोपियों पर कानूनी शिकंजा कसते हुए दिखार्इ दे रहा है। आईसीआईसीआई बैंक ने अपने बयान में कहा है कि रिपोर्ट से निष्कर्ष निकलता है कि चंदा कोचर ने निजी हितों के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया है। उन्होंने इसके लिए भारतीय नियमाें को ताक पर रखते हुए अपने कार्यकाल के दौरान निजी हितों को देखते हुए फैसला लिया है।
सुप्रीम कोर्ट के न्यायधीश की अध्यक्षता में कमिटी का हुआ था गठन
गौरतलब कि वीडियोकाॅन को 3,250 करोड़ रुपए के लोन को चंदा कोचर ने साल 2012 में सैंक्शन किया था। बाद में व्हिसिलब्लोवर द्वारा इस मामले को सामने लाने के बाद चंदा कोचर पर अारोप लगा था कि उन्होंने निजी हितों को ध्यान में रखते हुए यह लोन सैंक्शन किया था। जांच में पता चला था कि उनके पति दीपक कोचर आैर वीडियोकाॅन के प्रमुख प्रोमोटर वेणुगोपाल धूत की साझेदारी न्यूपावर रिन्युएबल्स में है। मार्च 2018 में सीबीआर्इ ने इस मामले में प्रीलीमनरी जांच शुरू किया था जिसमें दीपक कोचर आैर वेणुगोपाल धूत की जांच की जा रही थी। वीडियोकाॅन ग्रुप को उधारकर्ताआें की एक कंसोर्टियम ने 40,000 करोड़ रुपए का लोन दिया था। जून 2018 में, सुप्रीम कोर्ट के न्यायधीश श्रीकृष्ण के अध्यक्षता में एक पैनल का गठन किया गया था।
तीसरी तिमाही में बैंक का मुनाफा 3 फीसदी घटा
बुधवार को आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) ने दिसंबर 2018 की तिमाही का नतीजा भी जारी किया है। दिसंबर 2018 में समाप्त तिमाही के दौरान 2.7 फीसदी की कमी के साथ 1,604.91 करोड़ रुपए का स्टैंडअलोन मुनाफा दर्ज किया। वहीं इससे एक साल पहले समान अवधि के दौरान बैंक का प्रॉफिट 1650 करोड़ रुपए रहा था। बैंक द्वारा बुधवार को जारी नतीजे में ये बातें सामने आई हैं। आईसीआईसीआई बैंक द्वारा जारी बयान के मुताबिक, अक्टूबर-दिसंबर, 2018 तिमाही के दौरान बैंक की कुल इनकम 20,163.25 करोड़ रुपए रही, जबकि एक साल पहले समान अवधि के दौरान यह आंकड़ा 16,832.22 करोड़ रुपए रही थी।
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