क्या रहे सबसे बड़े कारण
वैश्विक आर्थिक चिंता आैर स्टाॅक्स वैल्यूएशन, इन अरबपतियों की संपत्ति में गिरावट का सबसे बड़ा कारण बना है। भारत आैर दक्षिण कोरिया समेत चीनी टेक्नोलाॅजी सेक्टर में सबसे अधिक गिरावट देखने को मिली है। ध्यान देने वाली बात है कि बैंकिंग सेक्टर आैर पूंजी प्रबंधकों ने एशियार्इ अमीरों के लिए बीते एक साल में अच्छी कोशिशें की हैं। कर्इ जानकारों का कहना है कि इस साल स्टाॅक मार्केट में चिंता आैर ट्रेड वाॅर को लेकर अनिश्चितता सभी उद्यमियों के चुनौतीपूर्ण रहा है।
इन भारतीय अरबपतियों को हुआ सबसे अधिक नुकसान
मौजूदा समय में बाजार की अनिश्चितता दुनियाभर के कर्इ अरबपतियों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। ब्लूमबर्ग की रैकिंग में कुछ 40 चीनी अरबपतियों में से करीब एक तिहार्इ की संपत्ति में भारी गिरावट देखने को मिला है। भारत की बात करें तो बीते एक साल में यहां कुल 23 अरबपतियों को कुल 21 अरब डाॅलर (1470 करोड़ रुपए) डूब गए हैं। दुनिया की सबसे बड़े स्टीलमेकर के मालिक लक्ष्मी मित्तल को अकेले 5.6 अरब डाॅलर का नुकसान हुआ है जोकि उनके नेट वर्थ का 29 फीसदी है। इसके बाद दूसरे नंबर पर सन फार्मा के दिलिप सांघवी है जिन्हें साल 2018 में कुल 4.6 अरब डाॅलर का नुकसान हुआ है।
मुकेश अंबानी को हुआ 4 अरब डाॅलर का फायदा
हालांकि, कर्इ अरबपतियों के लिए साल 2018 ने कमार्इ के मामले में काफी अच्छा भी रहा है। चीनी स्माॅर्टफोन कंपनी शाआेमी काॅर्प के ली जून के नेट वर्थ में इस साल कुल 8.7 अरब डाॅलर का इजाफा हुआ है। जुलार्इ में शाआेमी का आर्इपीआे आने के बाद उन्हे ब्लूमबर्ग बिलियनेयर इंडेक्स में टाॅप 100 में जगह मिलने में कामयाबी हासिल हुर्इ है। जपान के सबेस अमीर शख्स तदाशी यनार्इ के संपत्ति में भी 6.3 अरब डाॅलर का इजाफा हुआ है। एशिया के सबसे अमीर शख्स आैर रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी की संपत्ति में इस साल कुल 4 अरब डाॅलर का इजाफा हुआ है।
Read the Latest Business News on Patrika.com. पढ़ें सबसे पहले Business News in Hindi की ताज़ा खबरें हिंदी में पत्रिका पर।