कॉर्पोरेट वर्ल्ड

अमेजन, उबर व अलीबाबा से खतरे में भारतीयों की डेटा-प्राइवेसी

अमेजन और उबर जैसी विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों से मिल रही चुनौतियों से घबराई देसी कंपनियां फ्लिपकार्ट और ओला ने अब सरकार से मदद मांगी है। 

Dec 08, 2016 / 07:03 pm

आलोक कुमार

E-Commerce company


नई दिल्ली. अमेजन और उबर जैसी विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों से मिल रही चुनौतियों से घबराई देसी कंपनियां फ्लिपकार्ट और ओला ने अब सरकार से मदद मांगी है। इन कंपनियों ने इस मामले में डेटा सिक्योरिटी और प्राइवेसी का हवाला दिया है। उनके अनुसार विदेशी कंपनियों के वर्चस्व बढऩे से भारतीयों के डेटा और प्राइवेसी खतरे में पड़ सकती है। हाल में जिस तरह से इन विदेशी कंपनियों ने भारतीय कंपनियों को मात देने की रणनीति बनाई है, उससे उनका डर स्वाभाविक लगता है। हालांकि विदेशी कंपनियों में भी प्रतिस्पर्धा है। अमेजन जहां चीन की अलीबाबा से मुकाबला कर रही है, वहीं उबर और दिदी चुक्सिंग के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा है।
विदेशी कंपनियों पर सख्ती की मांग

फ्लिपकार्ट के सचिन बंसल और ओला के भाविश अग्रवाल ने विदेशी प्रतिद्वंद्वी कंपनियों पर सख्ती बरतने की वकालत की है। उनका कहना है कि इससे भारतीय कंपनियों को फायदा होगा। फ्लिपकार्ट के को-फाउंडर और एग्जीक्यूटिव चेयरमैन बंसल ने कहा, ’15 साल पहले जो चीन ने किया था, हमें वहीं करना चाहिए। हमें दुनिया को बताना चाहिए कि उनकी पूंजी का हम स्वागत करते हैं, लेकिन उनकी कंपनियों के लिए यहां कोई जगह नहीं है।
हाई वैल्यू जॉब पर असर

अमरीकी कंपनियों के दबदबे से भारत में हाई वैल्यू जॉब्स पर बुरा असर पड़ेगा। अगर लोकल कंपनियों का बाजार पर दबदबा होगा तो सिक्योरिटी, डेटा और प्राइवेसी सभी भारतीयों के नियंत्रण में होंगे।
पूंजी के दम पर हो रहा मुकाबला

बंसल और अग्रवाल का कहना है कि इंटरनेट बिजनेस सेग्मेंट में पूंजी सबसे बड़ी ताकत है, न कि इनोवेशन नहीं। ओला के सीईओ अग्रवाल ने कहा, ‘ई-कॉमर्स और ऐप बेस्ड टैक्सी एग्रीगेटर बिजनेस में विदेशी कंपनियां इनोवेशन की दुहाई दे रही हैं, लेकिन असल में मुकाबला पैसों से लड़ा जा रहा है, इसमें इनोवेशन का उतना ज्यादा रोल नहीं है।Ó

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