क्यों लिया है फैसला आपको बता दें कि जेट एयरवेज बीते कई महीने से घाटे का सामना कर रही है। कंपनी ने घाटे को कम करने के लिए कई तरह के प्रयास किए है। अब इस प्रयास के जरिए कंपनी घाटे को कम करना चाह रही है। इसके अलावा कंपनी जेट एयरवेज की हिस्सा बिक्री का भी प्रयास कर रही है।
कर्मचारियों को समय पर नहीं मिल रही सैलरी जेट एयरवेज की तंगहाली का आलम यह है कि यहां काम करने वाले कर्मचारियों को कई महीने से समय पर वेतन नहीं मिल रहा है। आपको बता दें कि फ्री खाना बंद करने का फैसला केवल घरेलू उड़ान के लिए है। इस फैसले का असर अतंराष्ट्रीय उड़ानों पर नही होगा।