1. नीरव मोदी के पक्ष में उनके वकील आनंद दुबे ने अपनी दलील रखी। वहीं, भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे टोबी कैडमैन ने भी अपना पक्ष रखा।
2. नीरव मोदी केस में सुनवाई के दौरान केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ( CBI ) और प्रवर्तन निदेशालय ( ED ) के जांच अधिकारी में कोर्ट में मौजूद रहे। ये अधिकारी एक दिन पहले ही भारत से लंदन पहुंचे थे।
3. पहले कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में खबर आ रही थी की केस में जांच कर रहे अधिकारी को सत्यव्रत कुमार को हटा दिया गया है। प्रवर्तन निदेशालय ने इस खबर का खंडन कर दिया है। सत्यव्रत इस केस में मुख्य जांच अधिकारी हैं।
4. प्रवर्तन निदेशालय के संयुक्त निदेशक सत्यब्रत कुमार के के ट्रांसफर किए जाने की खबरों के बीच वो सुनवाई के दौरान वेस्टमिंस्टर कोर्ट में मौजूद रहे।
5. इस केस की सुनवाई चीफ मजिस्ट्रेट एम्मा आर्बथनॉट कर रहे हैं। बता दें कि एम्मा ही विजय माल्या पर केस की सुनवाई कर रहे हैं। एक और दिलचस्प बात है कि नीरव मोदी व विजय माल्या के वकील आनंद दुबे ही कर रहे हैं।
6. कोर्ट में सुनवाई के दौरान जांच व सबूत से संबंधित एक और फाइल जमा किया गया। पहली सुनवाई के दौरान नीरव मोदी की जमानत याचिक को खारिज कर दिया गया था।
7. यूके वकील ने कहा कि यदि नीरव मोदी को जमानत दिया जाता है तो वह भाग सकता है। ऐसे में उसे न्यायिक हिरासत में ही रखना चाहिए।
8. क्राउन प्रॉजिक्युशन सर्विस (सीपीएस) नीरव मोदी को जमानत न मिलने को लेकर हर संभव प्रयास किया। वहीं, जमानत के लिए नीरव मोदी के वकील ने कहा कि हमने न्यायिक रूप से नीरव मोदी के लंदन में रहने के सभी जानकारियां दे दी है, जिसमें उनके घर का पता और उनकी तरफ से दिए जाने वाले टैकस का विवरण भी है।
9. नीरव मोदी के एटॉर्नी ने कहा कोर्ट में कहा कि नीरव मोदी जनवरी 2018 से ही लंदन में रह रहे हैं। अगस्त 2018 में उन्हें पता चला कि उन्हें भारत प्रत्यर्पण किया जाएगा। वो लंदन में खुलेआम रह रहे हैं और छुपने की उनकी कोई मंशा नहीं है।
10. एटार्नी क्लेयर मॉन्टगोमरी ने यह भी कहा, “डिफेंस नीरव मोदी के हाउस अरेस्ट व इलेक्ट्रॉनिक मॉनिटरिंग की बात का सुझाव दे रहा है। इससे लोकल पुलिस स्टेशन को दिनभर मॉनिटर करना होगा। आप उन्हें एक ऐसा फोन दे सकते हैं जिसके अथॉरिटी द्वारा एक्सेस किया जा सके। “
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