नई दिल्ली। अर्थव्यवस्था के गिरते हालात पर पूर्व यूनियन मिनिस्टर अरूण शौरी ने नरेन्द्र मोदी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि, नोटबंदी एक आत्महत्या की तरह है। आत्महत्या के लिए साहस होना चाहिए। उन्होने इसे अब तक का सबसे बड़ी मनी लॉन्ड्रिंग स्कीम करार दिया है। आइए जानते है वो आठ बातें जो अरूण शौरी ने मौजूदा सरकार के लिए कहा।
1. नोटबंदी सरकार के तरफ से सुनियोजित तरीके से कार्यान्वित किया गया अब तका का सबसे बड़ा मनी लॉन्ड्रिंग स्कीम है। यह बेहद ही मूर्खतापूर्ण लिया गया कदम है। जिनके पास कालाधन था वो इसे सफेद करने मे कामयाब हुए है।
2. यह सरकार एक अज्ञात प्रेरणा पर चलने वाली सरकार है। एक दिन प्रधानमंत्री को रात को प्रेरणा मिला कि उन्हे नोटबंदी करनी चाहिए और उन्होने कर दिया। हालांकि यह एक बेहद बोल्ड फैसला है। आपको याद दिला दें की आत्महत्या भी एक बोल्ड फैसला होता है। सरकार ने 8 नवंबर 2016 को 500 और 1000 रुपए के नोटो की बंद कर दिया था।
3. सरकार द्वारा दिया गया कौन सा तर्क अभी सही है ? कालाधन ? सारा कालाधन सफेद हो चुका है। आतंक ? आतंंकी अभी भी भारत मे प्रवेश कर रहे है। अंत मे सरकार के पास कहने के लिए कुछ नहीं है।
4. शौरी ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को भी फेमस अर्थशास्त्री कहते हुए कहा कि, अमित शाह ने आर्थिक स्थिरता को एक तकनीकी कारणों के वजह बताया था। लेकिन इसके लिए आधिकारिक जानकरियों को छुपाया नहीं जा सकता हैै।
5. यह सरकार ढाई लोगों की सरकार है, जिसमें एक नरेन्द्र मोदी, एक अमित शाह और एक इन-हाउस वकील शामिल है। इनके पास खुद का अनुभव तो नहीं है लेकिन ये अपने आस-पास ऐसे लोगों को भी घेरे हुए है जिनके पास भी कोई अनुभव नहीं हैं।
6. ये लोग अब सील किए हुए चैम्बर मे है और इन्हे पता नहीं चलता कि क्या हो रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक ने छोटे और मध्यम उद्यमियों के लिए संकट की स्थिति करार दिया था। लेकिन उन्हे सुनने वाला कोई नहीं है।
7. उन्होने कहा, यशवन्त सिन्हा, पी चिदम्बरम जैसे लोग तथ्य पर बार कर रहे हैं, जो कि आधिकारिक रिपोर्ट और आर्थिक सर्वे मे आया है। क्या से तथ्य नहीं है कि पुराने सीरीज के मुकाबले जीडीपी 3.7 फीसदी तक गिर गया है? क्या ये तथ्य नहीं है कि वर्ष 2015-16 के 9 फीसदी की तुलना में इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन इस साला अप्रैल-जुलाई तक 1.7 फीसदी पर आ गया है? क्या यह चिंता का विषय नहीं है?
8. इस सरकार की सबसे बड़ी खासियत इवेंट मैनेजमेंट करना है और वो इससे संतुष्ट भी है। ये बस एक दूसरे को सुनने के बजाय ब्रीफ कर रहे है। इनकी सबसे बड़ी चिंता 300 फीट की मूर्ति, बुलेट ट्रेन आदि है। जब इनके सामन तथ्य पेश किए जाते हैं, वो इन्हे दबा देने की कोशिश करते है।