कंपनी ने जारी किया ज्ञापन
आपको बता दें कि नागर विमानन मंत्रालय ने घाटे में चल रही विमानन कंपनी और उसकी दो अनुषंगी इकाइयों में इच्छुक पार्टियों से रुचि पत्र आमंत्रित किए हैं। कंपनी की ओर से जारी किए गए ज्ञापन के अनुसार सरकार की एअर इंडिया में 76 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के साथ प्रबंधन नियंत्रण हस्तातंरित करने की योजना है। ज्ञापन के अनुसार प्रबंधन या कर्मचारी सीधे या समूह बनाकर बोली प्रक्रिया में भाग ले सकते हैं। एलएलपी इंडिया को एअर इंडिया की रणनीतिक विनिवेश प्रक्रिया के लिये सलाहकार नियुक्त किया गया है।
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साल 2017 में हुई बैठक में विनिवेश को मंजूरी मिली
28 जून 2017 को एक बैठक में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने सैद्धांतिक रूप से एयर इंडिया और इसकी पांच सहायक कंपनियों के रणनीतिक विनिवेश को मंजूरी दी थी। इसके लिए CCEA के जरिए एयर इंडिया स्पेसिफिक अल्टरनेटिव मैकेनिज्म ( AISAM ) का गठन किया गया था। वहीं अब AISAM ने विनिवेश की प्रक्रिया को आगे बढ़ाए जाने की सिफारिश की है।
कंपनी पर 50,000 करोड़ का कर्ज है
सूचना ज्ञापन में कहा गया है कि सौदे में एअर इंडिया, उसकी अनुषंगी एअर इंडिया एक्सप्रेस तथा एयर इंडिया एसएटीएस एयरपोर्ट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड शामिल होगी। एअर इंडिया एसएटीएस एयरपोर्ट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड राष्ट्रीय विमानन कंपनी तथा सिंगापुर की एसएटीएस लिमिटेड की संयुक्त उद्यम है। दोनों की कंपनी में बराबर-बराबर हिस्सेदारी है। बता दें कि कंपनी पर 50,000 करोड़ रुपए का कर्ज है।
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