कैसे पूरा होगा समय पर काम कंपनी ने तो कह दिया है कि वो तय समय पर काम को पूरा कर लेगी। लेकिन रिलायंस इंफ्रा समेत अनिल अंबानी की कई कंपनियां लगातार कर्ज का बोझ बढ़ता ही जा रहा है। आपको बता दें कि अनिल अंबानी की जिस कंपनी रिलायंस इंफ्रा को इस का ठेका मिला है, उस कंपनी को पिछले साल की चौथी तिमाही में ऐतिहासिक घाटा हुआ था। जिसके चलते खुद कंपनी के ऑडिटरों ने ही कंपनी की क्षमता पर सवाल उठाए हैं। रिलायंस ग्रुप की विपरीत वित्तीय परिस्थितियों का असर महाराष्ट्र सरकार की वर्सोवा-बांद्रा सी लिंक प्रॉजेक्ट पर भी पड़ने की आशंका है। पिछले वर्ष रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर को इस प्रॉजेक्ट का ठेका मिला था।
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SBI ने देश के 10 बड़े विलफुल डिफॉल्टरों की लिस्ट जारी की, मुंबई की कंपनियां सबसे आगे पहले भी 5000 करोड़ के प्रोजेक्ट से धोना पड़ा हाथ कंपनी की वित्तीय स्थिति ठीक न होने के चलते कंपनी 5,000 करोड़ रुपये के वर्ली-हाजी अली सी लिंक प्रॉजेक्ट से बाहर निकल गई थी। इस प्रोजेक्ट पर रिलायंस इंफ्रा का दो साल तक महाराष्ट्र सरकार से विवाद चला था। मुंबई की पहली मेट्रो लाइन बनाने वाली इस कंपनी को चारकोप-बांद्रा-मानखुर्द रूट पर मेट्रो लाइन 2 से भी हटना पड़ा था। जिसका कारण सरकार की ओर से रखी गई कई शर्तों पर कंपनी का खरा नहीं उतर पाना था। आपको बता दें कि अमिल की कंपनी रिलायंस इन्फ्रा को इन दोनों प्रॉजेक्ट्स में डिवेलपर की भूमिका मिली थी।
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बजट से पहले मोदी सरकार को लगा बड़ा झटका, दो महीने में ही लक्ष्य का 52 फीसदी पहुंचा Fiscal deficit 60 महीनों का मिला है समय वर्सोवा-बांद्रा सी लिंक प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए रिलायंस इंफ्रा को 60 महीनों का समय दिया गया है। इस प्रोजेक्ट के कॉन्ट्रैक्ट के मुताबिक कंपनी को टाइमलाइन के हिसाब से काम पूरा कर के देना है। अगर कंपनी ऐसा नहीं कर पाती है तो कंपनी पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है।