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मुकेश अंबानी अब बीपी के साथ मिलकर कनाडा में भी खरीदेंगे हिस्सेदारी, सरकार ने दी मंजूरी

locationनई दिल्लीPublished: Sep 16, 2019 02:25:20 pm

Submitted by:

Shivani Sharma

सरकार ने दी रिलायंस और बीपी को हिस्‍सेदारी खरीदने को मंजूरी
बीपी के साथ कनाडाई कंपनी की 10 फीसदी हिस्सेदारी का अधिग्रहण

Mukesh Ambani

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने रिलायंस इंडस्ट्रीज और ब्रिटेन की ऊर्जा कंपनी बीपी को एनईसी-25 गैस ब्‍लॉक में निको रिसोर्सेस की 10 फीसदी हिस्सेदारी को खरीदने की मंजूरी दे दी है। यह गैस ब्‍लॉक बंगाल की खाड़ी में स्थित है। तीसरी तिमाही के विश्लेषण में रिलायंस इंडस्‍ट्रीज ने कहा कि रिलायंस और बीपी को निको की 10 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने को भारत सरकार ने अनुमति दे दी है।


2015 में लिया था बाहर आने का फैसला

निको ने नकदी संकट की वजह से 2015 के मध्य में एनईसी-25 ब्लॉक से बाहर आने का निर्णय किया था। इसमें बाकी हिस्सेदारी अन्य हितधारकों के पास ही बनी रहेगी। इस ब्लॉक का परिचालन रिलायंस के पास है और उसके पास 60 फीसदी हिस्सेदारी है, जबकि बीपी के पास इसकी 30 फीसदी हिस्सेदारी है।

रिलायंस ने 2019 के मध्‍य से एनईसी-25 में डी3, डी40, डी9 और डी10 खोजों से प्रतिदिन एक करोड़ स्‍टैंडर्ड क्‍यूबिक मीटर गैस निकालने के लिए मार्च 2013 में 3.5 अरब डॉलर वाले इंटीग्रेटेड फील्‍ड डेवलपमेंट प्‍लान पेश किया था। तब डायरेक्‍टर जनरल ऑफ हाइड्रोकार्बन ने इस डेवलपमेंट प्‍लान को मंजूरी के लिए मैनेजमेंट कमेटी के समक्ष रखने से इंकार कर दिया था।


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मेल भेजकर मांगा जवाब

आपको बता दें कि इस बारे में रिलायंस और बीपी को ई-मेल भेजकर उनकी टिप्पणियां मांगी गईं, लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया। गौरतलब है कि निको केजी-डी6 में अपनी 10 फीसदी हिस्सेदारी के लिये संभावित खरीदार या आर संकुल, उसके आसपास के संकुल और एमजे विकास परियोजनाओं में अपनी 5 अरब डॉलर हिस्सेदारी के लिये वित्त पोषण को लेकर कर्जदाता तलाशने में विफल रही है। इससे पहले, कंपनी कर्जदाताओं को कर्ज लौटाने में चूक कर चुकी है। इसके कारण कंपनी अक्टूबर 2018 की शुरूआत में विकास लागत में अपने हिस्से का भुगतान नहीं कर सकी।

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