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इस तरह पलट सकते हैं सहारा के दिन, मिल सकते हैं Rs.20000 cr

सहारा ग्रुप की परेशानी का हो सकता है समाधान, मुंबई के ड्राफ्ट प्लान
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Mar 19, 2015 / 11:36 am

अमनप्रीत कौर

Subrata Roy

मुंबई। शहर का ड्राफ्ट डेवलपमेंट प्लान सहारा ग्रुप और उसके चीफ सुब्रत रॉय के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकता है। गोरेगांव (पश्चिम) में स्थित 500 एकड़ का प्लॉट, जिसे पहले मलाड क्रीक की सीमा से जुड़े होने के कारण नो-डेवलपमेंट जोन घोषित कर दिया गया था, इसे इस प्लान में रेजिडेंशियल/कॉमर्शियल लैंड मान लिया गया है। इस प्लॉट में 106 एकड़ जमीन सहारा ग्रुप की है। प्रॉपर्टी एक्सपर्ट की मानें तो अगर सब प्लान के मुताबिक चला तो सहारा की इस जमीन की कीमत 20000 करोड़ रूपए हो जाएगी।


500 एकड़ के इस प्लॉट की ज्यादातर जमीन बायरामजी जीजीभॉय ग्रुप की है। इसके अलावा इसका कुछ हिस्सा मेट्रो/मोनो रेल यार्ड के लिए भी आरक्षित है, लेकिन यही जमीन रेजिडेंशियल/कॉमर्शियल डेवलपमेंट के लिए भी मार्क किया गया है।


वर्ष 2013 में जब सुप्रीम कोर्ट ने सहारा ग्रुप को सेबी को निवेशकों के 20500 करोड़ रूपए लौटाने के निर्देश दिए थे, तब सहारा ग्रुप ने इसी जमीन के दस्तावेज कोर्ट में जमा किए थे। उस समय कंपनी ने इस जमीन की वैल्यूएशन 19300 कराड़ रूपए बताई थी, लेकिन सेबी के इस पर आपत्ति जताने के बाद यह दस्तावेज वापस ले लिए थे।


सहारा के वक्ता ने कहा कि कंपनी फिलहाल इस मुद्दे पर कुछ नहीं कहना चाहती। वहीं बीएमसी के सलाहकार वीके फाटक ने कहा कि इस मामले पर बयान देने से पहले वे मैप चैक करना चाहेंगे। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि हाई टाइड लाइन के शिफ्ट होने के कारण इस प्लॉट को डेवलपमेंट के लिए मार्क कर दिया गया है।

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