यह भी पढ़ें – जामनगर रिफाइनरी में अब जेट ईंधन व पेट्रोकेमिकल्स ही बनाएगी रिलायंस इंडस्ट्रीज, AGM से ठीक पहले दी जानकारी
कमीशन के तौर पर मिला 39 करोड़ रुपये
कंपनी ने इस वित्त वर्ष में कार्यकारी निदेशक एन वी रमण को 30 करोड़ रुपये और मुरली डिवी के बेटे तथा पूर्णकालिक निदेशक किरण एस. डिवी को 20 करोड़ रुपये मेहनताने के रूप में मिले। मुरली डिवी को कमिशन के रूप में 57.61 करोड़ रुपये मिले। वित्त वर्ष 2017- 18 के दौरान मुरली डिवी को 40.20 करोड़ रुपये का वेतन प्राप्त हुआ जिसमें कि 39 करोड़ रुपये कमीशन के तौर पर मिले।
कंपनी के कर्मचारियों को इस दौरान मेहनताना में औसतन 3.96 प्रतिशत की वृद्धि मिली। कंपनी को 2018-19 में कर भुगतान के बाद 1,333 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ और 5,036 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ।
यह भी पढ़ें – ट्रेड वॉर को लेकर IMF ने दी चीन को चेतावनी, कहा – GDP में आ सकती है और गिरावट
इन्होंने लिया मात्र 1 रुपये का वेतन लिया
फार्मा सेक्टर की बात करें तो देश की सबसे बड़ी दवा कंपनी सन फार्मा के दिलीप सांघवी के संस्थापक व प्रबंध निदेशक ने वित्त वर्ष 2019 में 1 रुपये सैलरी के रूप में लिया है। वहीं, अन्य मानदंडों के रूप में उन्हें 2,62,800 रुपये मिले हैं। वहीं, दूसरी सबसे बड़ी दवा कंपनी ऑरबिन्दो फार्मा के प्रबंध निदेशक एन गोविंदराजन को 14.6 करोड़ रुपये सालाना सैलरी मिली है।
गोविंद राजन की सैलरी में वेतन, अन्य मानदंड और कुछ मुनाफे में 1 फीसदी की हिस्सेदारी मिली है। वित्त वर्ष 2019 में ऑरबिन्दो फार्मा को कुल 2,356 करोड़ रुपये का मुनाफा मिला था। डॉ रेड्डीज लैब्स के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी जी वी प्रसाद की सालाना सैलरी 12.4 करोड़ रुपये रही है। प्रसाद के बदा अब गत एक अगस्त से इरेज इजराइल को कंपनी की कमान सौंपी गई है।