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पत्नी से 10 हजार रुपये लेकर नारायणमूर्ति ने शुरु की थी Infosys, आज 138 अरब रुपये के हैं मालिक

locationनई दिल्लीPublished: Aug 20, 2018 04:58:34 pm

Submitted by:

Ashutosh Verma

नारायमूर्ति का जन्म 20 अगस्त 1946 को कर्नाटक मैसूर में हुआ था। जहां पर उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ार्इ के साथ मैसूर विश्वविद्यालय से ही बैचलर आॅफ इंजिनियरिंग की। इसके बाद उन्होंने IIT कानपुर से मास्टर्स आॅफ टेक्नोलाॅजी की पढ़ार्इ की।

नर्इ दिल्ली। आज हम जब भी इंफोसिस का नाम सुनते हैं तो एक शख्स का नाम जरूर हम सबके दिमाग में आता है। ये नाम है एन आर नारायणमूर्ति। नारायणमूर्ति ही वो शख्स हैं जिसके वजह से आज इन्फोसिस को भारत का ही नहीं बल्कि दुनिया की टाॅप आर्इटी कंपनियों में गिना जाता है। आज एन आर नारायणमूर्ति का जन्मदिन है। लेकिन नारायणमूर्ति की सफलता की कहानी किसी कोर्इ आम सफलता की कहानी नहीं है। इस कंपनी को शुरु करने के लिए नारायणमूर्ति ने कभी उधार लिया था लेकिन आज वो 138 अरब रुपये के मालिक हैं। आइए जानते हैं आज उनके जन्मदिन पर उनसे जुड़ी कुछ खास बातें।


मैसूर से ली प्राथमिक शिक्षा
आज इन्फोसिस जिस मुकाम पर खड़ी है, उसमें सबसे बड़ा श्रेय नारायणमूर्ति को ही जाता है। नारायणमूर्ति इतनी बड़ी कंपनी के मालिक बनने के बावजूद भी स्वभाव के बेहद सरल व्यक्ति हैैं। उनका जन्म 20 अगस्त 1946 को कर्नाटक मैसूर में हुआ था। जहां पर उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ार्इ के साथ मैसूर विश्वविद्यालय से ही बैचलर आॅफ इंजिनियरिंग की। इसके बाद उन्होंने IIT कानपुर से मास्टर्स आॅफ टेक्नोलाॅजी की पढ़ार्इ की। कर्इ लोग कहते हैं की उनकी पढ़ार्इ का खर्च उन्होंने नहीं बल्कि उनके एक अध्यापक ने दिया था।


जब पत्नी से उधार लेकर दोस्तों के साथ खड़ी कंपनी
नारायणमूर्ति ने अपने करियर की पुणे के शुरुआत पाटनी कंप्यूटर सिस्टम्स की थी। लेकिन 1975 में उन्होंने अपने दोस्त शशिकांत शर्मा आैर प्रोफेसर कृष्णया के साथ मिलकर पुणे में ही सिस्टम रिसर्ज इंस्टीट्यूट की स्थापन की। लेकिन बाद में कुछ मदभेद की वजह से उनका इस कंपनी में ज्यादा दिन तक साथ नहीं रह पाया। फिर साल 1981 में उन्होंने अपने 6 इंजिनियर्स के साथ मिलकर पुणे में ही एक आर्इटी कंपनी की शुरुआत की जिसका नाम इन्फोसिस रखा गया। इस कंपनी को शुरु करने के लिए उनके आैर दोस्तों के पास बिल्कुल भी पैसे नहीं थे। उस दौरान उनकी पत्नी सुधा मूर्ति टाटा इंडस्ट्रीज में काम करती थी। नारायणमूर्ति ने अपनी पत्नी से 10,000 रुपये उधार लेकर इस कंपनी में लगाया आैर अपने घर पर ही कंपनी का मुख्यालय बनाया। बाद में साल 1983 में इस कंपनी के मुख्यालय को कर्नाटक के बेंगलुरू में खोला गया।


आज 2.7 लाख करोड़ रुपये की है इन्फोसिस
इस कंपनी को शुरुअात करने वाले सदस्यों में नारायणमूर्ति, नंदन नीलेकणी , एस गोपालकृष्णन, एसडी शिबुलाल, के दिनेश आैर अशोक अरोड़ा थ। आज इन्फोसिस भारत की दूसरी सबसे बड़ी आर्इटी कंपनी है आैर इसमें 50,000 से भी अधिक कर्मचारी काम कर रहे हैं। पूरे विश्वभर में इस कंपनी की कुल 12 शाखाएं हैं। अपने शुरुआत के बाद नारायणमूर्ति ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। साल 1999 में पहली बार कंपनी ने 100 मिलियन डाॅलर के जादुर्इ आंकड़ें को छुआ। इसके साथ ही इस ये कंपनी नैस्डेक में लिस्ट होने वाली भारत की पहली अार्इटी कंपनी भी बनी। माैजूदा समय में इन्फोसिस का कुल नेट वर्थ 2.7 लाख करोड़ रुपये है।

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