बैंकों को लगाई फटकार
आपको बता दें कि NCLT के चेयरमैन न्यायाधीश एस जे मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली पीठ ने कर्ज दिए हुए सभी बैंकों की फटकार लगाई है। रिलायंस कम्युनिकेशन को जिन भी बैंकों ने कर्ज दे रखा था उन सभी बैंकों से न्यायाधीश ने सवाल किया कि इसके लिए उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं शुरू की जानी चाहिए।
न्यायधीश ने दी जानकारी
इसके साथ ही पीठ ने कहा कि आपने जो बातें कही, उसे पूरा करने में विफल रहे। संयुक्त कर्जदाता समूह विफल रहा है। कोई बिक्री नहीं हुई। वहीं, न्यायाधीश ने जानकारी देते हुए बताया कि कर्जदाताओं ने संपत्ति बिक्री के जरिए करीब 37,000 करोड़ रुपए की वसूली को लेकर एनसीएलएटी को ‘सब्जबाग’ दिखाए, लेकिन उसके बाद भी कुछ नहीं हुआ।
पहले आरकॉम के साथ बैठकर तालियां बजाई
आपको बता दें कि NCLT ने कहा कि आपने आरकॉम के साथ बैठकर तालियां बजाई और दावा किया कि आप रिलायंस जियो को संपत्ति बेचकर करीब 37,000 करोड़ रुपए जुटा लेंगे। पहले आपने प्रतिदिन करोड़ रुपये के नुकसान की बात कही थी। वहीं, न्यायाधिकरण ने कहा कि पहले सभी लोग संपत्ति की बिक्री से मिली राशि को लेने में लगे हुए थे, जब वह नहीं मिली तो अब सभी कर्जदाता अब कंपनी को आयकर रिफंड से प्राप्त 260 करोड़ रुपए की वसूली में लगे हुए हैं।
सभी कर्जदाताओं से मांगा जवाब
एनसीएलएटी आर कॉम की याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें उस पर चार फरवरी को लगाई गई रोक को हटाने का आग्रह किया गया है। हालांकि, उसके कर्जदाता एरिक्सन को 550 करोड़ रुपए देने के लिये आयकर रिफंड जारी करने की अर्जी का विरोध कर रहे हैं। फिलहाल एनसीएलएटी ने सभी कर्जदाताओं से इस बारे में दो पृष्ठ का जवाब देने के लिए कहा है और मामले की अगली सुनवाई मंगलवार को होगी।