रजनीश ने कहा, आज के इस वित्तीय परिस्थिति में कई स्टेकहोल्डर में विश्वास की कमी दिख रही है। इसको लेकर मेरा मानना है कि नैतिकता ही इस अंतर की भरपाई कर सकता है। इसलिए मैं आप सब से अनुरोध करता हूं, कि आप अपने रोज के कार्यों में नैतिकता को बढ़ावा दें। रजनीश कुमार को 4 अक्टूबर को अरूंधती भट्टाचार्य के बाद एसबीआई का नया चीफ बनाया गया है। वो इस पद पर तीन साल तक रहेंगे। उन्होने कहा कि, अरूंधती भट्टाचार्या एसबीआई की पहली महिला चीफ के तौर पर हमारे लिए एक जबरदस्त विरासत और आगे चलने वाले रास्ते पर एक निशान छोड़ा है। हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता के्रडिट ग्रोथ को रिवाइव करना, एसेट स्ट्रेस को सुलझाना, और डिजिटलीकरण पर आगे और अधिक ध्यान देना होगा।
कर्मचारियों को संबोधन लेटर में रजनीश ने कहा कि, परफॉर्मेंस और प्रोडक्टिवीटी के साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता, आप सबको सेहत का भी ख्याल रखना है और अपने लाइफ मे प्रॉपर बैलेंस बनाना चाहिए। कर्मचारियों की नैतिकता के बारे में बात करते हुए उन्होने कहा कि, हमे अपने आचरण को बिल्कुल साफ-सुथरा रखना होगा। हमारे पास बेहतर प्रोडक्ट, तकनीक और माहौल होने के बाद भी यदि हम विनम्र और सौहार्दपूर्ण नहीं रहेंगे तो इससे हमारे कारोबार पर असर पड़ेगा। कुमार का नियुक्ति एक ऐसे समय पर हुआ है जब भारतीय बैंकिंग सिस्टम में लोन एक बड़ा मसला बना हुआ है और एक अनुमान के मुताबिक ये 10 लाख करोड़ तक पहुंच चुका है।
एसबीआई के लिए जून के अंत में, नॉन परफॉर्मिंग एसेट (एनपीए) बढक़र 1.88 लाख करोड़ पहुंच गया है जो कि कुल एडवांस का 10 फीसदी है। आगे एसोसिएट बैंको के साथ मर्जर का तात्कलिक प्रभाव देखने को मिल रहा है। वो अपनी बात को एसटीईपी के फॉर्मूले के साथ खत्म करते हुए अपने कर्मचारियों को आगे और बेहतर प्रदर्शन करने के लिए बधाई दिया।
S: स्ट्रांग एथिक्स
T : कॉरपोरेट गवर्नेंस में परदर्शी और उच्च स्टैंडर्ड
E : अपने सहकर्मियों, ग्राहकों और समाज के लिए सहानुभूति और करूणा
P : साथियों, ग्राहकों और से विनम्रता से संबंध रखना